आर्थ‍िक सुस्ती ने बिगाड़ा चाय का स्वाद, मंदी की चपेट में 170 साल पुराना असम का चाय उद्योग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Aug, 2019 01:39 PM

economic sluggishness spoils tea recession hits 170 year old assam

ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, एविएशन, टेक्सटाइल के बाद अब देश का चाय उद्योग भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 170 साल पुराने असम का चाय उद्योग सुस्ती की चपेट में आ गया है। उत्पादन लागत बढ़ने और चाय की कीमतों में ठहराव से इस सेक्टर के लंबे समय तक

नई दिल्लीः ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, एविएशन, टेक्सटाइल के बाद अब देश का चाय उद्योग भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 170 साल पुराने असम का चाय उद्योग सुस्ती की चपेट में आ गया है। उत्पादन लागत बढ़ने और चाय की कीमतों में ठहराव से इस सेक्टर के लंबे समय तक फायदे में रहने पर सवाल खड़े होने लगे हैं। फिलहाल इस इंडस्ट्री के लिए कोई राहत की किरण नहीं दिख रही।

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असम के चाय बागान मालिक तनाव से गुजर रहे हैं और इसके लिए कई वजहें हैं। चाय की कीमतें ठहरी हुई हैं, मजदूरी और अन्य लागत बढ़ती जा रही है, मांग और आपूर्ति में भारी अंतर है, ढुलाई की लागत ऊंची है, नीलामी में सही कीमत न मिलने की चुनौती है और जलवायु परिवर्तन से भी समस्या खड़ी हो रही है।

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गौरतलब है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। इस इंडस्ट्री में 12 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है और इस पर चाय बागान श्रमिकों के करीब 30 लाख परिजन भी निर्भर हैं। कंसल्टेटिव कमेटी ऑफ प्लांटर्स एसोसिएशन (CCPA) के अनुसार, भारत में चाय उत्पादन साल 2014 के 120.7 करोड़ किलोग्राम से बढ़कर साल 2018 में 133.90 करोड़ किलोग्राम तक पहुंच गया।

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असम में साल 2014 में चाय की औसत नीलामी कीमत 150 रुपए प्रति किलोग्राम थी और अखिल भारतीय स्तर पर यह 130.90 रुपए प्रति किलोग्राम थी। साल 2018 में भी कीमत में बहुत ही मामूली बढ़त हुई और असम में प्रति किलोग्राम कीमत 156.43 किलोग्राम रही, जबकि पूरे भारत में 138.83 रुपए प्रति किलोग्राम रही। दूसरी तरफ, साल 2018 में असम के चाय बागानों में श्रमिकों के वेतन में करीब 22 फीसदी की बढ़त हुई है। उत्पादन लागत उम्मीद से काफी ज्यादा बढ़ गई है।

देश के कुल चाय उत्पादन में असम की चाय का योगदान करीब 52 फीसदी होता है लेकिन जिस तरह से इस उद्योग में सुस्ती है, उसकी वजह से निकट भविष्य में यह गंभीर समस्याओं में फंस सकता है।
 

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