Edited By vasudha,Updated: 31 Jan, 2020 03:32 PM
आगामी आम बजट-2020 आने में अभी मह 2 दिन बचे हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी, जिसमें देश की आर्थिक विकास को रफ्तार देने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। उससे ठीक एक दिन पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण...
बिजनेस डेस्क: संसद में शु्क्रवार को प्रस्तुत वर्ष 2019-20 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर में जितनी नरमी आनी थी, वह आ चुकी है और अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर छह से 6.5 प्रतिशत के बीच रहेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर कमजोर होने तथा देश के वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं के चलते निवेश धीमा होने से भारत पर असर पड़ रहा है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष में घरेलू आर्थिक वृद्धि दर एक दशक के निचले स्तर पर आ गयी है। समीक्षा में कहा गया कि 2019-20 में वृद्धि कम से कम पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है। जानिए आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर अहम बातें:-
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण
- इस सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था, पूर्वानुमान और नीति चुनौतियों की विस्तृत जानकारी होती है।
- इसमें जरूरी क्षेत्रवार रूपरेखा और सुधार के उपायों की विवेचना होती है।
- ये सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण का काम करता है।
- विस्तृत आर्थिक स्थिति में इस बात पर जोर दिया जाता है कि किन क्षेत्रों पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
- यह सर्वेक्षण केवल सिफारिशें हैं और इन्हें लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती है और इस कारण से सरकार इन्हें केवल निर्देशात्मक रूप से लेती है।
कौन करता है तैयार
- आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ वित्त और आर्थिक मामलों की जानकारों की टीम तैयार करती है।
- आर्थिक सर्वे में इसकी पूरी जानकारी होती है कि आने वाले समय में इकॉनमी की हालत क्या होगी।
- कई बार इस सर्वे रिपोर्ट में सरकार को सुझाव भी दिया जाता है।
- हालांकि सरकार सुझाव मानने के लिए बाध्य नहीं है। सरकार इस फैसले के लिए स्वतंत्र होती है कि बजट में क्या घोषणाएं करनी हैं और किन सुझावों को अमल में लाना है।