कोविड के प्रभाव से उबर रही अर्थव्यवस्था, दो साल बाद डायरेक्ट टैक्स में आया बड़ा उछाल

Edited By Yaspal,Updated: 17 Mar, 2022 08:57 PM

economy recovering from the impact of covid

देश में चालू वित्त वर्ष में अग्रिम कर भुगतान में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ व्यक्तिगत और कंपनी आय से कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 48 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। यह कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में निरंतर जारी आर्थिक...

नई दिल्लीः देश में चालू वित्त वर्ष में अग्रिम कर भुगतान में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ व्यक्तिगत और कंपनी आय से कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 48 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। यह कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में निरंतर जारी आर्थिक पुनरुद्धार को दर्शाता है। आधिकारिक बयान के अनुसार, शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 16 मार्च, 2022 तक 13.63 लाख करोड़ रुपये रहा।

एक साल पहले 2020-21 की इसी अवधि में यह 9.18 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह महामारी-पूर्व 2019-20 के 9.56 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है। इस श्रेणी में व्यक्तिगत आय पर कर, कंपनियों को होने वाले लाभ पर कर, संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर तथा उपहार कर शामिल हैं।

बयान के अनुसार, अग्रिम कर संग्रह 40.75 प्रतिशत बढ़कर 6.62 लाख करोड़ रुपये रहा। इसकी चौथी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च थी। वहीं चालू वित्त वर्ष में कर वापसी (रिफंड) के रूप में कुल 1.87 लाख करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में करीब 53 प्रतिशत हिस्सेदारी कंपनी कर की रही। जबकि 47 प्रतिशत योगदान व्यक्तिगत आयकर का है। इसमें शेयरों पर प्रतिभूति लेनदेन कर शामिल है। प्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-22 के बजट में निर्धारित 11.08 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से कहीं अधिक है। इतना ही नहीं यह एक फरवरी को पेश 2022-23 के बजट में संशोधित अनुमान 12.50 लाख करोड़ से भी अधिक है।

बयान के अनुसार, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 के लिये प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च, 2022 की स्थिति के अनुसार 48.41 प्रतिशत बढ़कर 13,63,038.3 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले यानी 2020-21 की इसी अवधि में 9,18,430.5 करोड़ रुपये था।'' यह महामारी-पूर्व स्तर 2019-20 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 9,56,550.3 करोड़ रुपये के मुकाबले 42.50 प्रतिशत अधिक है। वहीं 2018-19 के 10,09,982.9 करोड़ रुपये के मुकाबले 34.96 प्रतिशत अधिक है।

शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में कंपनी कर की हिस्सेदारी 7,19,035.0 करोड़ रुपये रही जबकि प्रतिभूति लेनदेन कर समेत व्यक्तिगत आयकर 6,40,588.3 करोड़ रुपये रहा। बयान के अनुसार, सकल रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड के समायोजन से पहले) 2021-22 में (16 मार्च, 2022 तक) 15,50,364.2 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 11,20,638.6 करोड़ रुपये था।

सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2019-20 में 11,34,706.3 करोड़ रुपये और 2018-19 में 11,68,048.7 करोड़ रुपये था। बयान के अनुसार, संचयी रूप से अग्रिम कर संग्रह 2021-22 में 16 मार्च, 2022 तक 6,62,896.3 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2020-21 की इसी अवधि में 4,70,984.4 करोड़ रुपये था। यह 2019-20 में 4,40,281.4 करोड़ रुपये के मुकाबले 50.5 प्रतिशत अधिक है। वहीं 2018-19 के 5,06,714.2 करोड़ रुपये के मुकाबले 31 प्रतिशत अधिक है।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!