अर्थव्यवस्था को अभी और समर्थन की जरूरत, बजट में राजकोषीय मजबूती पर जोर नहीं दिया जाए: sbi

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jan, 2022 01:34 PM

economy still needs more support budget should not focus

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने सरकार से बजट में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन जारी रखने और राजकोषीय मजबूती पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि पुनरुद्धार को सतत...

मुंबईः देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने सरकार से बजट में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन जारी रखने और राजकोषीय मजबूती पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि पुनरुद्धार को सतत बनाने के लिए अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने को लेकर और उपाय करने की अभी जरूरत है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने बुधवार को बजट पूर्व एक रिपोर्ट में कहा कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत का बेहतर तरीका मौजूदा वित्त वर्ष में एलआईसी की शेयर बिक्री को पूरा करना होगा। यह काफी अधिक दबाव वाले बही-खाते को दुरुस्त करने में मददगार होगा। ‘‘इससे वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 6.3 प्रतिशत के निचले स्तर पर लाने में मदद मिलेगी, क्योंकि नए वित्त वर्ष की शुरुआत सरकारी खजाने में कम-से-कम तीन लाख करोड़ रुपए के नकद अधिशेष के साथ होगी।’’ 

उन्होंने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे को 0.3 से 0.4 प्रतिशत से अधिक की कमी पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्रों को अभी भी समर्थन की जरूरत है। घोष ने कहा कि बजट में राजकोषीय मजबूती पर धीरे-धीरे कदम बढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिए। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए चालू वित्त वर्ष के मुकाबले राजकोषीय घाटे में कमी 0.3 से 0.4 प्रतिशत तक सीमित रहनी चाहिए। उन्होंने इस समय संपत्ति कर या अन्य कर लगाए जाने को लेकर भी आगाह करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है, इससे लाभ के बजाय नुकसान ज्यादा होगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!