Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 03:23 PM
वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुना हो कर 5,000 अरब डॉलर (325,00,000 करोड़ डॉलर) पर पहुंच जाने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुना हो कर 5,000 अरब डॉलर (325,00,000 करोड़ डॉलर) पर पहुंच जाने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने आज कहा, ''देश 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की ओर अग्रसर है। स्टार्टअप, एमएसएमई तथा बुनियादी ढांचा निवेश पर ध्यान दिए जाने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज की जा सकती है।" गर्ग ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) के वैश्विक उद्योग संघ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मानना है कि यह सोचना काफी उचित होगा कि यदि अर्थव्यवस्था अगले 7-8 साल तक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है और मांग का सृजन होता है, हम 2025 तक अर्थव्यवस्था के आकार को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचा सकेंगे। यह एक उचित लक्ष्य है।’’
फिलहाल भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) का आकार 2,500 अरब डॉलर (162,50,000 करोड़ रुपए) है और यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मुद्रास्फीति के बारे में गर्ग ने कहा कि यह काफी हद तक रिजर्व बैंक के लक्ष्य 4 प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 7 महीने के निचले स्तर 2.48 प्रतिशत पर आ गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 4 महीने के निचले स्तर 4.44 प्रतिशत पर रही है। रिजर्व बैंक ने अपनी फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।