Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 May, 2019 06:26 PM
वित्तीय प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि आरबीआई का ''भुगतान प्रणाली दृष्टिकोण 2021'' दस्तावेज डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और आम लोगों में विश्वास की बहाली में मददगार साबित होगा। देश में नकदी के
नई दिल्लीः वित्तीय प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि आरबीआई का 'भुगतान प्रणाली दृष्टिकोण 2021' दस्तावेज डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और आम लोगों में विश्वास की बहाली में मददगार साबित होगा। देश में नकदी के इस्तेमाल में कमी के लक्ष्य के साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने सुरक्षित, सुविधाजनक, सरल और किफायती ई-भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए पिछले सप्ताह एक दृष्टिपत्र जारी किया था।
केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि दिसंबर, 2021 तक डिजिटल भुगतान की संख्या चार गुनी तक बढ़कर 8,707 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच जाएगी। आरबीआई ने कहा था कि वह दस्तावेज में उल्लेखित पहलों को 2019-21 के बीच लागू करेगा। पेवर्ल्ड के सीओओ प्रवीण धबाई ने कहा कि दृष्टिपत्र में भुगतान प्रणाली से जुड़ी सेवा प्रदान करने वालों को सशक्त बनाने और साथ ही उपभोक्ताओं के लिए सरल लेनदेन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
फिनटेक कंवर्जेंस काउंसिल के अध्यक्ष नवीन सूर्य ने कहा कि केवाईसी को सरल बनाने, डिजिटल केवाईसी और केवाईसी ब्यूरो के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को क्रेडिट कार्ड जारी करने का अधिकार देने से जुड़े वर्तमान नियमों को सरल बनाने जैसी चीजें दृष्टिपत्र में शामिल नहीं हैं। सर्वत्र टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और उपाध्यक्ष मंदार अगाशे की राय में आरबीआई की सातों दिन-24 घंटा काम करने वाले हेल्पलाइन की स्थापना की योजना से ग्राहकों में डिजिटल भुगतान को लेकर विश्वास की बहाली होगी।