Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Oct, 2019 01:31 PM
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से भूषण पावर एंड स्टील की परिसंपत्तियां जब्त करने के मामले में बातचीत कर आम सहमति पर पहुंचने का निर्देश दिया।
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से भूषण पावर एंड स्टील की परिसंपत्तियां जब्त करने के मामले में बातचीत कर आम सहमति पर पहुंचने का निर्देश दिया। मंत्रालय और निदेशालय के बीच इस मुद्दे पर मतभेद बना हुआ है। इस मामले में निदेशालय का तर्क है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत भूषण पावर की परिसंपत्तियां कुर्क कर सकता है।
दूसरी ओर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का कहना है कि निदेशालय ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि कंपनी अभी दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है। इस मामले पर एनसीएलएटी में सुनवाई चल रही है। एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले में कानून में संशोधन का कोई सवाल नहीं है, ऐसे में केंद्र सरकार के दोनों अंग (मंत्रालय और निदेशालय) को आपस में बातचीत करके इसका निपटान करना चाहिए।
हालांकि अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि निदेशालय अपने बकाए का दावा कर सकता है। दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत एक परिचालनात्मक ऋणदाता के रूप में वह ऐसा करने में सक्षम है। पीठ ने कहा, ‘‘इसे बेचिए और ऋणदाताओं को दे दीजिए। जो भी आपका (निदेशालय) बकाया है, वह आपको मिलेगा। इसमें कानून संशोधन का कोई सवाल नहीं है। न्यायाधिकरण ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 नवंबर तय की है।