स्मार्ट मीटर लगने का काम शुरू, और 50 लाख खरीद के लिए टेंडर जारी करेगी EESL

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 04:17 PM

eesl to start the work of smart meter

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ईईएसएल के थोक में खरीदे गए स्मार्ट मीटर को लगाने का काम उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से शुरू कर दिया गया है और हरियाणा में भी जल्द ही यह काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि इससे बिजली चोरी रूकेगी, वितरण कंपनियों की...

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ईईएसएल के थोक में खरीदे गए स्मार्ट मीटर को लगाने का काम उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से शुरू कर दिया गया है और हरियाणा में भी जल्द ही यह काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि इससे बिजली चोरी रूकेगी, वितरण कंपनियों की कार्यकुशलता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को वास्तविक समय पर बिजली खपत की जानकारी मिलेगी। ईईएसएल के अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने पछले साल सार्वजनिक टेंडर के जरिए ऐसे 50 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे। इनमें से 40 लाख उत्तर प्रदेश और 10 लाख हरियाणा में लगाए जाने हैं। कंपनी की इस वर्ष जून तक ऐसे 50 लाख और मीटर खरीदने वाली है।

नियंत्रित होगी बिजली खपत
बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा जैसे शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। हरियाणा में अगले 8-10 दिनों में यह शुरू हो जाएगा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ईईएसएल बिजली वितरण कंपनियों से प्रति मीटर प्रति महीने 70 रुपए ले रही है। वहीं वितरण कंपनियों को औसतन प्रति मीटर 200 रुपए का लाभ होने का अनुमान है।’’ कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बिजली ‘रीडिंग’ पर 40 रुपए प्रति मीटर का खर्च आता है। वहीं बिल की कुशलता 75 से 80 प्रतिशत है। विश्लेषण से पता चलता है कि 30 प्रतिशत बिल गलत होते हैं। इससे उपभोक्ता और वितरण कंपनियों में विवाद होता है। पुन: दो-दो महीनों में बिल आते हैं। एक अनुमान के अनुसार इसके कारण वितरण कंपनियों को प्रति मीटर 200 रुपए की लागत आती है। है। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली वितरण कंपनियों को यह बचत होगी।’’ दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को वास्तविक समय पर पता चलेगा कि वे कितनी बिजली की खपत कर रहे हैं। उसके अनुसार वे बिजली खपत को नियंत्रित कर सकते हैं।

इन राज्यों में भी लगेंगे स्मार्ट मीटर
उन्होंने कहा, ‘‘इससे कम बिजली खपत करने वाले उत्पादों की मांग बढ़ेगी और एक बहुत बड़ा बदलाव आएगा।’’ कुमार ने कहा, ‘‘बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु समेत कई राज्य तैयार हैं। वास्तव में क्षेत्र में सुधार के लिए सभी राज्यों को यह करना है। लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगले चार से पांच महीनों में 50 लाख स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर लाएंगे।’’ फिलहाल देश में स्मार्ट मीटर बनाने की क्षमता करीब तीन करोड़ है। ईईएसएल के स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएमएनपी) के तहत देश में 25 करोड़ परंपरागत मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदला जाना है।  

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