Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Mar, 2022 08:57 AM
अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें (crude oil price) नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis) से मांग और सप्लाई में बढ़ते अंतर की वजह से कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है।
बिजनेस डेस्क: अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें (crude oil price) नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis) से मांग और सप्लाई में बढ़ते अंतर की वजह से कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है। यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतें 125 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंच गई हैं, जो कि तेल कीमतों का 13 साल से भी अधिक वक्त का सबसे ऊंचा स्तर है।
इसी के साथ संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में इसकी कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में इस उछाल की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेज बढ़त की आशंका बन गई है। देश में तेल की खुदरा कीमतों में पिछले 4 महीने से स्थिरता बनी हुई है। रविवार शाम को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी कच्चे तेल में 8% से अधिक की वृद्धि हुई क्योंकि अन्य देशों की रूस पर रूसी तेल और प्राकृतिक गैस पर प्रतिबंध की संभावना से बाजार पर असर पड़ रहा है।
इससे पहले 2008 में कच्चे तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई थी। वहीं अमेरिका और उसके सहयोगी रूसी तेल और प्राकृतिक गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन cnn के “स्टेट ऑफ द यूनियन” के साथ एक साक्षात्कार में यह बात कही।