Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Mar, 2022 04:03 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंकों में संवाद के लिए प्रभावी नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘‘मौद्रिक नीति उम्मीदों का प्रबंधन करने की कला है।’’ राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में व्याख्यान देते...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंकों में संवाद के लिए प्रभावी नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘‘मौद्रिक नीति उम्मीदों का प्रबंधन करने की कला है।’’ राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में व्याख्यान देते हुए दास ने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं और बाजारों के विकसित होने के साथ भारत और दुनिया भर में मौद्रिक नीति के संचालन में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि नीति निर्माता इस बात से अच्छी तरह से अवगत हुए हैं कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न पक्ष एक जटिल आर्थिक प्रणाली में किस तरह संवाद करते हैं।
दास ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति आकांक्षाओं का प्रबंधन करने की कला है। ऐसे में केंद्रीय बैंकों को न केवल घोषणाओं और कार्यों के माध्यम से, बल्कि वांछित सामाजिक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी संचार-संवाद रणनीतियों के निरंतर सुधार के माध्यम से भी बाजार की अपेक्षाओं को आकार देने और उन्हें स्थिर करने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि संवाद दो तरह से काम करता है। जहां, अत्यधिक संवाद से बाजार में भ्रम की स्थिति बन सकती है वहीं बहुत कम संवाद से केंद्रीय बैंक के नीतिगत उद्देश्यों को लेकर अटकलें शुरू हो सकती हैं।