Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Apr, 2018 04:43 AM
प्रमुख उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) ने बिजली, रियल एस्टेट, पैट्रोलियम और शराब को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाने और सभी प्रोत्साहनों को समाप्त कर कॉर्पोरेट कर को कम कर 18 प्रतिशत करने की मांग की। सी.आई.आई. के...
नई दिल्ली: प्रमुख उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) ने बिजली, रियल एस्टेट, पैट्रोलियम और शराब को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाने और सभी प्रोत्साहनों को समाप्त कर कॉर्पोरेट कर को कम कर 18 प्रतिशत करने की मांग की।
सी.आई.आई. के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा कि जी.एस.टी. को तर्कसंगत बनाया गया है लेकिन अभी भी इसमें बहुत संभावना है। उन्होंने पैट्रोलियम, बिजली, शराब और रियल एस्टेट को इसके दायरे में लाने की मांग करते हुए कहा कि जी.एस.टी. के लिए एक दर रखना मुमकिन नहीं है। इसके लिए 2 या 3 दरें रहनी चाहिएं।
उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. से कर आधार बढ़ाने में मदद मिली है लेकिन अभी भी करीब 6 करोड़ लोग ही आयकर रिटर्न भर रहे हैं जिनमें से करीब आधा नौकरीपेशा लोग हैं। सी.आई.आई. ने कहा कि नोटबंदी और जी.एस.टी. के प्रभावों से भारतीय अर्थव्यवस्था अब उबर रही है और वैश्विक स्तर की चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.3 से 7.7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।