Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Nov, 2018 06:25 PM
भारत जैसी तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अगले साल भी अपनी मौद्रिक नीतियों में सख्ती बने रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को यह बात कही।
नई दिल्लीः भारत जैसी तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अगले साल भी अपनी मौद्रिक नीतियों में सख्ती बने रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को यह बात कही। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में बाहरी और घरेलू मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद मौजूदा रफ्तार के आस-पास ही वृद्धि होने की उम्मीद है हमें उम्मीद है कि भारत, इंडोनेशिया, ब्राजील, तुर्की और अर्जेंटीना जैसी उभरते अर्थव्यवस्थायें 2019 में भी मौद्रिक नीतियों में सख्ती करना जारी रखेंगे।'
मूडीज ने 2018-19 के लिए अपने वैश्विक वृहत आर्थिक परिदृश्य में कहा कि 2018-19 में भारत की आर्थिक वृद्धि करीब 7.5 प्रतिशत के आस-पास रहने की उम्मीद है क्योंकि यह कच्चे तेल की ऊंची कीमतों जैसे बाहरी कारकों को झेलने में काफी हद तक सक्षम है। जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत पर थी और अप्रैल-जून तिमाही में यह बढ़कर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गई।
एजेंसी ने कहा कि भारत को अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आर्थिक और रोजकोषीय सुधारों में अनिश्चितता आ सकती है। मूडीज का अनुमान है कि जी-20 समूह के देशों की वृद्धि 2018 में 3.3 प्रतिशत से गिरकर 2019 में 2.9 प्रतिशत रह सकती है।
मूडीज का मानना है कि जी-20 की विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक वृद्धि 2018 में 2.3 प्रतिशत से गिरकर 2019 में 1.9 प्रतिशत रह जाएगी। इसी प्रकार जी-20 में शामिल उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सकल वृद्धि दर 2018 में 5 प्रतिशत से नरम पड़कर 2019 में 4.6 प्रतिशत रह सकती है।