Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Oct, 2020 02:35 PM
कोरोना काल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें छह महीनों के लिए लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। इस दौरान जो लोग वित्तीय रूप से ईएमआई का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्होंने इसका लाभ उठाया।
बिजनेस डेस्कः कोरोना काल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें छह महीनों के लिए लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। इस दौरान जो लोग वित्तीय रूप से ईएमआई का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्होंने इसका लाभ उठाया। वहीं कई लोगों ने मोरेटोरियम अवधि के दौरान भी नियमित रूप से किस्त चुकाई है। अगर आपने भी इस दौरान किस्तों का भुगतान किया है, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। जिन ग्राहकों ने मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया, उन्हें बैंक से कैशबैक मिलेगा।
क्या है मामला?
ब्याज पर ब्याज मामले को लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अपने फैसले के बारे में पूरी जानकारी दी, जिसमें कैशबैक की भी बात कही गई थी। दरअसल, मोरेटोरियम अवधि के ईएमआई के भुगतान को लेकर कई सवाल उठे हैं। सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज का मामला पहुंचा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि वह मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज को माफ करने के लिए तैयार हो गई है।
इनको मिलेगी सुविधा
2 करोड़ रुपए तक के ऋण वाले छोटे व्यवसायों और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को यह भुगतान किया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी आरबीआई-विनियमित ऋणदाताओं को कहा कि अगर किसी उधारकर्ता ने मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया और किस्त का भुगतान समय पर किया है, तो बैंक से उन्हें कैशबैक मिलेगा। इस स्कीम के तहत कर्जदारों को छह महीने के सिंपल लोन इंट्रेस्ट में डिफरेंस का लाभ मिलेगा। ऋणदाताओं में बैंक, सहकारी बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रोफाइनेंस संस्थान शामिल हैं।
जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी 2020 तक कुल ऋण दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं था, वे योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे। इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज और MSME के लिए लिया गया कर्ज और खपत के लिए लिया ऋण कवर होगा। सरकार के सूत्रों ने ब्याज की माफी की लागत करीब 6,500 करोड़ रुपए आंकी थी।