Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Oct, 2017 11:55 AM
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की कम्पनियों के कामकाज के संचालन पर एक उच्चस्तरीय समिति ने
नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की कम्पनियों के कामकाज के संचालन पर एक उच्चस्तरीय समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पी.एस.ई.) को उनके प्रशासनिक मंत्रालय से ‘स्वतंत्र’ करने का सुझाव दिया है। समिति का मानना है कि इससे पी.एस.ई. की निर्णय करने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी। सूचीबद्ध कम्पनियों के लिए कामकाज के संचालन नियमों में बदलाव पर बैंकर उदय कोटक की अगुवाई वाली समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को पी.एस.ई. के लिए पारदर्शी कामकाज तय करना चाहिए।
साथ ही उनके उद्देश्य और प्रतिबद्धताओं का भी खुलासा करना चाहिए। समिति का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों के उद्देश्यों का नियमित आधार पर शेयरधारकों को खुलासा किया जाना चाहिए, जिससे निवेशक उचित जानकारी के बाद निवेश के फैसले कर सकें। रिपोर्ट कहती है, ‘‘सरकार को पी.एस.ई. की उनके प्रशासनिक मंत्रालय से स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे उनकी निर्णय प्रक्रिया तेज हो सकेगी और उनके परिचालन में स्वायत्तता आ सकेगी।
इससे सार्वजनिक उपक्रम बेहतर वाणिज्यिक लक्ष्य हासिल कर सकेंगे और वे प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रतिभाओं को आर्किषत कर सकेंगी।’’ सेबी ने समिति की सिफारिशों पर 4 नवम्बर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। समिति की रिपोर्ट 177 पृष्ठ की है और इसमें विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है। समिति का विचार है कि इन उपायों से राष्ट्रीय संपत्तियों का मूल्य उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया जा सकता है और यह काम समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए।