मोदी का आर्थिक वृद्ध दर दहाई अंक पर ले जाने, निर्यात बढ़ाने की जरूत पर बल दिया: PM

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2018 03:14 PM

entry into the 5 million dollar economy club requires 10 gdp growth

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में पहुंचाने केलिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने और वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी दोगुना कर 3.4 प्रतिशत तक

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में पहुंचाने केलिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने और वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी दोगुना कर 3.4 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य पर जोर दिया है। राजधानी में वाणिज्य मंत्रालय के नए कार्यालय परिसर के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने देश में कारोबार करने की प्रक्रिया सरल बनाने के लिए 4 वर्षों में कई कदम उठाए हैं। साथ ही चालू खाते घाटे जैसे वृहद आर्थिक संकेतकों को भी काबू में रखा है।

जीडीपी वृद्धि दहाई अंक ले जाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। उन्होंने इसे अपर्याप्त मानते हुए कहा कि अब 7 से 8 प्रतिशत की वृद्घि दर के दायरे से ऊपर निकल कर इसे दहाई अंक में (दस प्रतिशत या उससे ऊपर) ले जाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया यह देख रही है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना करके 5,000 अरब डॉलर या उससे ऊपर की अर्थव्यवस्था वाले देशों की कतार में कम शामिल होता है।

वर्ल्ड ट्रेड में हिस्सेदारी दोगुनी हुई
मोदी ने तेल का घरेलू उत्पादन एवं घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे कर आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी दोगुना करके 3.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश कार्यों को 'अटकाने, लटकाने और भटकाने' की संस्कृति से आगे निकल चुका है। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली से न सिर्फ व्यापार करना सुगम हुआ है बल्कि करदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

GST से 54 लाख नए टैक्सपेयर्स रजिस्टर हुए
मोदी ने कहा कि नई प्रणाली के तहत 54 लाख नए करदाताओं ने पंजीकरण कराया है। इसी के साथ अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या एक करोड़ से अधिक हो गई है। जीएसटी से पहले अप्रत्यक्ष करदाता 60 लाख थे। उन्होंने कहा कि इस समय देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ-साथ विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड ऊंचाई पर हैं।

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