Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Dec, 2018 04:14 PM
कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नए साल में अपने अंशधारकों को अपने कोष से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेशकों बढ़ाने या घटाने का विकल्प दे सकता है।
नई दिल्लीः कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नए साल में अपने अंशधारकों को अपने कोष से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेशकों बढ़ाने या घटाने का विकल्प दे सकता है। ईपीएफओ इसके अलावा कई अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ और कोष के प्रबंधन के डिजिटल साधन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करा सकता है।
वर्तमान में ईपीएफओ खाताधारकों के जमा का 15 प्रतिशत तक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करता है। इस मद में अब तक करीब 55,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। हालांकि, ईटीएफ में किया गया निवेश अंशधारकों के खाते में नहीं दिखाई देता है और न ही उनके पास अपनी भविष्य की इस बचत से शेयर में निवेश की सीमा बढ़ाने का विकल्प है।
खाते में दिखेगी शेयर बाजार में निवेश की रकम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अब एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है जो कि सेवानिवृत्ति बचत में नकदी और ईटीएफ के हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा। वर्तमान में खाते में सिर्फ बचत दिखाई देती है जिसमें नकदी और ईटीएफ समेत अन्य घटक शामिल होते हैं। एक बार जब आपके ईपीएफ खाते में नकद और ईटीएफ का हिस्सा अलग-अलग दिखने लगेगा तो ईपीएफओ का अगला कदम अंशधारकों को शेयर में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प देना होगा। इस साल की शुरूआत में ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अंशधारकों को शेयर निवेश सीमा को अधिक या कम करने की सुविधा उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया था।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया, 'कई डिजिटल उपकरण पेश करके कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं के लिए भी सेवाओं को आसान बनाया गया है।' प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत भारत सरकार एक अप्रैल 2018 से तीन साल के लिए नए कर्मचारियों के वास्ते नियोक्ता के पूरे अंशदान (ईपीएफ और ईपीएस) का भुगतान कर रही है। साल 2018 में पेंशनभोगियों के लिए एक पोर्टल भी पेश किया गया था। इसकी मदद से सभी ईपीएफओ पेंशनभोगी अपनी पेंशन से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में ईपीएफओ के दायरे में 190 उद्योगों से जुड़े 20 करोड़ से अधिक ईपीएफओ खाते और 11.3 लाख इकाइयां आती हैं।