इस रिपोर्ट ने बढ़ाई सरकार की चिंता, झेलना पड़ सकता हैं भारी नुकसान

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 04:41 PM

estimated rainfall less than this year

किसानों की चिंताजनक स्थिति वैसे ही देश में वैचारिक मंथन का विषय बनी हुई है। उस पर स्काईमेट की ताजा रिपोर्ट इस स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है।

नई दिल्लीः किसानों की चिंताजनक स्थिति वैसे ही देश में वैचारिक मंथन का विषय बनी हुई है। उस पर स्काईमेट की ताजा रिपोर्ट इस स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है।

मौसम का अनुमान बताने वाली प्राइवेट एजेंसी स्‍काइमेट ने इस साल भी देश में मॉनसून सामान्‍य से कम रहने की संभावना जताई है। एजेंसी के मुताबिक मॉनसून सामान्‍य रहे इस‍की सिर्फ 50 फीसदी ही संभावनाएं हैं। यदि ऐसा हुआ तो यह लगातार चौथा साल होगा जब देश में सामान्‍य से कम मॉनसून रहेगा। 

क्या कहती है स्काईमेट की रिपोर्ट
स्काईमेट के मुताबिक इस साल मानसून 95 प्रतिशत के आस-पास रहेगा। एजेंसी के मुताबिक इस अनुमान में 5 प्रतिशत की कमी या बढ़ौत्तरी हो सकती है। बता दें कि 90 प्रतिशत से कम बारिश होने पर सूखे की स्थिति मानी जाती है। बता दें कि पिछले 4 सालों से मॉनसून सामान्य से कम ही रहा है।

उत्तर-पूर्वी इलाकों में होगी पहली बारिश
स्काईमेट की इस रिपोर्ट के मुताबिक मॉनसून की पहली बारिश भारत के उत्तर-पूर्वी इलाकों में होगी। बता दें कि स्काईमेट ने जुलाई माह में सबसे ज्यादा बारिश का अनुमान लगाया है, वहीं जून में सबसे कम बारिश होने की संभावना है। बता दें कि साल 2016 में मॉनसून 97 प्रतिशत रहा था लेकिन खेती वाली जगहों पर ज्यादा बारिश नहीं हुई। 

स्‍काइमेट ने बताया अलनीनो का असर
एजेंसी के आकलन के अनुसार इस साल मॉनसून सीजन में अलनीनो का असर भी देखा जा सकता है। हालांकि, एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ अलनीनो प्रभाव बारिश और फसलों पर असर नहीं डालेगा। ऑस्‍ट्रेलिया ब्‍यूरो ऑफ मेटिरियोलॉजी के मुताबिक 2017 में अल नीनो प्रभाव बढ़ने की संभावना है। 

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