Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 11:19 AM
देश की आर्थिक वृद्धि दर नरम रह सकती है और इसके अप्रैल-जून तिमाही में 6.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है
नई दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर नरम रह सकती है और इसके अप्रैल-जून तिमाही में 6.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पिछली तिमाही में यह 6.1 प्रतिशत थी। एच.एस.बी.सी. की रिपोर्ट में यह कहा गया है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के अनुसार तिमाही के दौरान कमजोर निवेश तथा निर्यात वृद्धि से उच्च निजी निवेश तथा सरकारी व्यय का प्रभाव फीका रह सकता है। बजट जल्दी पेश करने और हाल ही में लागू माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की दरों, उससे होने वाली प्राप्तियों तथा छूट आदि के प्रभाव के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के आने वाले आंकड़े गड़बड़ा सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी (8 नवम्बर, 2016) तथा उसके बाद जी.एस.टी. क्रियान्वयन जैसी नीतियों में बदलाव के बीच अगली कुछ तिमाहियों में सकल मूल्य वद्र्धन (जी.वी.ए.) आर्थिक गतिविधियों के मापने का भरोसेमंद उपाय हो सकता है। हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही जी.वी.ए. वृद्धि सालाना आधार पर सुधरकर 6.2 प्रतिशत रहेगी जो इससे पूर्व नोटबंदी से प्रभावित तिमाही में 5.6 प्रतिशत थी।