Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 03:28 PM
आगामी बजट में राजकोषीय घाटा का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत रखे जाने और राजकोषीय दिशा में अपेक्षा कृति धीरे धीरे प्रगति होने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। नोमुरा के अनुसार, सरकार चालू...
नई दिल्लीः आगामी बजट में राजकोषीय घाटा का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत रखे जाने और राजकोषीय दिशा में अपेक्षा कृति धीरे धीरे प्रगति होने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। नोमुरा के अनुसार, सरकार चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा को जीडीपी के 3.2 प्रतिशत रख पाने में असफल होगी और उसे यह संशोधित कर जीडीपी का 3.5 प्रतिशत करना होगा। उसका कहना है कि यह एक ‘अच्छा बजट’ रहने की संभावना है। इसमें राजकोष को मजबूत करने की प्रक्रिया को किसी तरह के खतरे में न डालते हुए ग्रामीण क्षेत्र के संकट के समाधान के उपाय किए जाएंगे और आम आदमी का ध्यानप रखा जाएगा।
नोमूरा ने कहा, ‘‘सस्ती लोकप्रियता की अदूरर्दिशता की जगह वृहदस्तर पर समझदारी की राह को चुना जाना चाहिए।’’ अगले वित्त वर्ष का बजट एक फरवरी को पेश होने वाला है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 के आम सभा चुनाव से पहले यह अंतिम पूर्ण बजट होगा। चुनाव तथा कृषि क्षेत्र की बदहाली को देखते हुए एक ङ्क्षचता है कि इसमें सस्ती लोकप्रियता का पुट हो सकता है। हमारे हिसाब से सरकार एक अच्छा बजट पेश करेगी जिसमें राजकोषीय स्थिति को जटिल बनाए बिना आम आदमी तथा ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा।’’ उसके अनुसार, बजट आवंटन और क्रियान्वयन में ग्रामीण विकास और कृषि नीतियों के केंद्र में रहेगा। ढांचागत विकास के ऊपर इस साल भी जोर दिये जाने की उम्मीद है।