देश का राजकोषीय घाटा 2018-19 में बढ़कर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 03:12 PM

estimates of the country  s fiscal deficit to rise to 3 5 percent in 2018 19

देश का राजकोषीय घाटा 2018-19 में बढ़कर जीडीपी का 3.5 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है लेकिन इसका वृहत आर्थिक स्थिरता पर कोई खास असर नहीं होगा। मोर्गन स्टेनले ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।  रिपोर्ट के अनुसार राजकोषीय घाटा 2018-19 में 2017-18 के मुकाबले...

नई दिल्लीः देश का राजकोषीय घाटा 2018-19 में बढ़कर जीडीपी का 3.5 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है लेकिन इसका वृहत आर्थिक स्थिरता पर कोई खास असर नहीं होगा। मोर्गन स्टेनले ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।  रिपोर्ट के अनुसार राजकोषीय घाटा 2018-19 में 2017-18 के मुकाबले बढ़कर 3.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में इसके 3.4 प्रतिशत रहने की संभावना है हालांकि हमारा अनुमान है कि इससे वृहत आर्थिक स्थिरता को कोई खतरा नहीं होगा जिसमें कहा गया है कि ग्रामीण तथा सामाजिक योजनाओं पर कुल व्यय जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के प्रतिशत के रूप में स्थिर रहने की संभावना है।

वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनावों तथा मई 2019 में आम चुनाव तथा कमजोर निजी निवेश को देखते हुए सरकार की राजकोषीय स्थिति को लेकर ङ्क्षचता बढ़ी है।  मोर्गन स्टेनले के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी के रास्ते पर बढऩे की उम्मीद है और 2018-19 में वृद्धि दर सुधरकर 7.5  प्रतिशत रहने की उम्मीद है।  रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में और तेजी आएगी। इसका कारण खपत और निर्यात के अनुकूल रहने की उम्मीद है जिसमें कहा गया है, ‘‘हमारा 2018-19 में व्यय में वृद्धि तथा राजकोषीय घाटे में वृद्धि का अनुमान है लेकिन इसका मुद्रास्फीति पर प्रभाव नहीं होगा।’’       
 

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