Edited By Isha,Updated: 29 Nov, 2018 04:32 PM
संकंट में जूझ रही जेट एयरवेज ने अबु धाबी की विमानन कंपनी एतिहाद एयरवेज को नियंत्रण वाली हिस्सेदारी सौंपने का फैसला कर लिया है। इससे एतिहाद के लिए जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक करने का रास्ता साफ हो गया है। किसी विदेशी विमानन कंपनी
बिजनेस डेस्कः संकंट में जूझ रही जेट एयरवेज ने अबु धाबी की विमानन कंपनी एतिहाद एयरवेज को नियंत्रण वाली हिस्सेदारी सौंपने का फैसला कर लिया है। इससे एतिहाद के लिए जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक करने का रास्ता साफ हो गया है। किसी विदेशी विमानन कंपनी द्वारा देसी विमानन कंपनी में निवेश की जाने वाली यह अधिकतम सीमा है।
इस समय एतिहाद की जेट में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि नकदी संकट से जूझ रही इस विमानन कंपनी में गोयल की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। गोयल पहले नियंत्रण वाली हिस्सेदारी छोडऩे के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन सूत्रों के अनुसार अब वह टाटा संस और अन्य निजी इक्विटी फंडों के बजाय एतिहाद की पेशकश के पक्ष में हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, 'गोयल जेट एयरवेज का नियंत्रण छोडऩे के लिए तैयार हैं।'
अगर यह सौदा अपने मुकाम पर पहुंच गया तो जेट एयरवेट में एतिहाद की हिस्सेदारी बढ़कर 49 प्रतिशत हो जाएगी और इसके बदले यह पूंजी और ऋण के जरिये रकम का बंदोबस्त करेगी। एक सूत्र ने कहा, 'एतिहाद एक अन्य भारतीय इकाई को भी साथ ला सकती है, जो इसके साथ निवेश करेगी। माना जा रहा है कि एतिहाद लुलु ग्रुप के मालिक प्रवासी भारतीय कारोबारी एम ए युसुफ अली के साथ बातचीत कर रही है। लुलु ग्रुप के पास हाइपरमार्केट स्टोर और शॉपिंग मॉल हैं। अली 2010 में बतौर स्वतंत्र निदेशक एयर इंडिया में शामिल हुए थे। अली ने कोचिन इंटरनैशनल एयरपोर्ट में भी निवेश किया है और वे इसके निदेशकमंडल में शामिल हैं।