Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Jul, 2020 04:10 PM
बीजिंग स्थित एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) ने चीन और भारत के बीच तनाव का निवेश निर्णय पर असर पड़ने की आशंका को खारिज कर दिया। संस्थान के अध्यक्ष जिन लिक्यून ने कहा कि यह गैर-राजनीतिक संस्था है।
नई दिल्ली: बीजिंग स्थित एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) ने चीन और भारत के बीच तनाव का निवेश निर्णय पर असर पड़ने की आशंका को खारिज कर दिया। संस्थान के अध्यक्ष जिन लिक्यून ने कहा कि यह गैर-राजनीतिक संस्था है और बहुपक्षीय वित्त परियोजनाओं पर निर्णय आर्थिक और वित्तीय नजरिये से किया जाता है।
भारत की एआईआईबी में 7.65 प्रतिशत हिस्सेदारी
बैंक की सलाना बैठक के बाद विभिन्न देशों के संवाददाताओं से बातचीत में एआईआईबी के अध्यक्ष लिक्यून ने कहा कि संस्थान का भारत के साथ शुरूआत से ही अच्छा सहयोग रहा है और उसने संचालन मंडल तथा अन्य क्षेत्रों में अहम भूमिका निभायी है। भारत 2016 में गठित बहुपक्षीय संस्थान का संस्थापक सदस्य है। फिलहाल भारत के पास एआईआईबी में 7.65 प्रतिशत मतदान हिस्सेदारी है और वह इस मामले में चीन की 26.63 प्रतिशत हिस्सेदारी के बाद दूसरे स्थान पर है।
गैर-राजनीतिक संस्थान
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत-चीन सीमा विवाद का भारत के संदर्भ में एआईआईबी की भविष्य की निवेश योजनाओं पर असर पड़ेगा, लिक्यून ने कहा एआईआईबी बहुपक्षीय विकास बैंक है और यह गैर-राजनीतिक संस्थान है। प्रबंधन आर्थिक और वित्तीय नजरिये से परियोजनाओं को देखता है। उन्होंने जोर देकर कहा हम चाहेंगे कि सदस्य देश साथ मिलकर इस संस्थान की मदद करे। इससे बैंक अपने हर सदस्य देशों को मदद करने की स्थिति में होगा। लिक्यून को बैंक के संचालन मंडल ने दूसरी बार अध्यक्ष चुना है। उनका पांच साल का कार्यकाल 16 जनवरी 2021 से शुरू होगा।