राहत की खबर: खाद्य तेल की कीमतों में जल्द हो सकती है गिरावट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jun, 2021 06:43 PM

expect edible oil retail prices to come down in 10 15 days

आने वाले कुछ दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। खाद्य तेलों पर बीते चार दिन में 15 फीसदी की कमी नजर आने लगी है। अडानी विल्मर के अतुल चतुर्वेदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब बाजार ऊपर जाते हैं तो वे लिफ्ट में ऊपर जाते हैं और जब वे...

बिजनेस डेस्कः आने वाले कुछ दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। खाद्य तेलों पर बीते चार दिन में 15 फीसदी की कमी नजर आने लगी है। अडानी विल्मर के अतुल चतुर्वेदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब बाजार ऊपर जाते हैं तो वे लिफ्ट में ऊपर जाते हैं और जब वे नीचे आते हैं तो वह एक शाफ्ट में नीचे आते हैं। ठीक ऐसा ही हो रही है, पिछले 2 दिनों में बाजार लगभग 15-18 फीसदी तक गिर चुका है।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है, “अमेरिका, मलेशिया और इंडोनेशिया से बड़ी मात्रा में तेल का आयात होता है लेकिन बीते कुछ वक्त पहले अमेरिका में बायो फ्यूल में 46 फीसदी तक रिफाइंड तेल मिलाने की इजाजत दे दी गई। जबकि पहले 13 फीसदी तक मिलाया जाता था। वहीं ईद के चलते मलेशिया और इंडोनेशिया में काम कम होने के चलते प्रोडक्शन पर इसका बड़ा असर पड़ता है। कुछ देशों में मौसम के चलते फसल भी खराब हो गई थी। भारत में तेल महंगा होने के कई बड़े कारणों में से यह कुछ कारण थे।

मंगलवार को अमेरिका में एक बार फिर बायो फ्यूल में दूसरे खाद्य तेल कितने फीसदी तक मिलाए जाएं इस पर विचार होने जा रहा है और यह भी हो सकता है कि 46 फीसदी तक रिफाइंड तेल मिलाने के फैसले को ही वापस ले लिया जाए। वहीं अब मलेशिया और इंडोनेशिया में भी खूब प्रोडक्शन हो रहा है। बीते चार दिन में आई 15 फीसदी की छोटी सी मंदी भी इसी का असर है।”

एक साल में कितने बढ़े दाम?
भारत में आमतौर पर मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी और पाम ऑयल को खाद्य तेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन सभी तेलों के दाम बीते एक साल में अलग-अलग तेल के हिसाब से 20 से 60 फीसदी बढ़े हैं। एसईएआई (SEAI) के अनुसार, पाम ऑयल का दाम एक साल पहले 533 डॉलर/प्रति टन था, जो इस साल अप्रैल में बढ़कर 1,173 डॉलर तक पहुंच गया। सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम करीब 60 फीसदी तक बढ़े हैं। मूंगफली के तेल में पिछले एक साल में 20 फीसदी, सरसों के तेल में करीब 50 फीसदी और वनस्पति तेल के दामों में 45 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मई के महीने में इन सभी तेलों के दाम बीते 11 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे। जून महीने में खाद्य तेलों की मांग में कमी की वजह से दामों में कुछ गिरावट आई है लेकिन यह स्थिति कब तक रहेगी, इस पर अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता है।
 

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