प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को पार कर लेने की उम्मीद: CBDT प्रमुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2018 06:46 PM

expected to cross the target of direct tax collection

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से अधिक रहने का भरोसा जताया। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 11.5 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह होने का बजट लक्ष्य रखा है।

नई दिल्लीः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से अधिक रहने का भरोसा जताया। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 11.5 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह होने का बजट लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 14.3 प्रतिशत बढ़कर 11.5 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है।

चंद्रा ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से उम्मीद करते हैं कि प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से अधिक रहेगा।’’ हालांकि, महालेखा नियंत्रक के आंकड़े के अनुसार अप्रैल-जून अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह मामूली रूप से सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपए हो गया। चंद्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक कर रिफंड करीब 95,000 करोड़ रुपए रहा है। इस साल सरकार ने लंबित प्रत्यक्ष कर वापसी के लिए एक से 30 जून तक विशेष अभियान चलाया।

वित्त मंत्रालय ने पूर्व में एक बयान में कहा था कि लंबित दावों में से 99 प्रतिशत से अधिक का निपटान किया गया है। पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 18 प्रतिशत बढ़कर 10.03 लाख करोड़ रुपए रहा। चंद्रा ने कहा कि फ्लिपकॉर्ट-वालमॉर्ट सौदे में लगभग 7,500 करोड़ रुपए कर के रूप में सरकार को मिले हैं। वालमार्ट ने फ्लिपकॉर्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण सौदा पूरा कर लिया है। कंपनी ने इसके लिए 16 अरब डॉलर का भुगतान किया है। सौदे के तहत कंपनी ने भारतीय कानून के तहत फ्लिपकॉर्ट के शेयरधारकों को भुगतान करते समय विदहोल्डिंग कर काटा है।     

विदहोल्डिंग कर एक प्रकार का आयकर है जो कि भुगतान करने वाले को सरकार को देना होता है। इसमें आय प्राप्त करने वाले के बजाय इसका भुगतान करने वाला कर काट कर सरकार को चुकाता है। घरेलू कर कानून के तहत विदेशी निवेशकों द्वारा खरीदने के 24 महीने बाद बेचे जाने वाले शेयरों पर 20 प्रतिशत की दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगाया जाता है। हालांकि, आयकर कानून में कम दर पर अथवा शून्य दर पर भी कर देने का प्रावधान है बशर्ते कि उस देश के साथ जहां से निवेश किया गया है भारत का दोहरे कराधान से बचने का समझौता हुआ हो। 

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