रिजर्व बैंक के पूंजी ढांचे पर विशेषज्ञ समिति का गठन इसी सप्ताह संभव

Edited By Isha,Updated: 25 Nov, 2018 04:09 PM

expert committee on reserve bank s capital structure

भारतीय रिजर्व बैंक के आॢथक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) की रूपरेखा पर विशेषज्ञ समिति का गठन इसी सप्ताह कर सकते हैं। एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक इसी सप्ताह समिति के सदस्यों की नियुक्ति कर सकते हैं।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक के आॢथक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) की रूपरेखा पर विशेषज्ञ समिति का गठन इसी सप्ताह कर सकते हैं। एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक इसी सप्ताह समिति के सदस्यों की नियुक्ति कर सकते हैं। पिछले सप्ताह हुई रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की नौ घंटे चली मैराथन बैठक के बाद ईसीएफ पर विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया गया था। इस समिति के सदस्यों तथा नियम व शर्तें सरकार और रिजर्व बैंक मिलकर तय करेंगे। यह समिति तय करेगी कि रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष का उचित स्तर क्या होना चाहिये। सूत्र ने बताया कि समिति के सदस्यों के नाम रिजर्व बैंक गवर्नर और वित्त मंत्रालय अगले पांच से छह दिन में मिलकर तय करेंगे। समिति में कम से कम तीन लोग होंगे। इसमें मौजूदा और रिजर्व बैंक के पूर्व अधिकारी और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। 

सूत्र ने कहा कि समिति दो से तीन महीने में अपनी सिफारिशें देगी। इसके पीछे विचार यह है कि रिपोर्ट वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले मिल जाए। 30 जून, 2018 तक रिजर्व बैंक का आरक्षित कोष 9.43 लाख करोड़ रुपए था। इसमें आकस्मिक व्यय कोष में 2.32 लाख करोड़ रुपए और मुद्रा एवं सोने के पुनर्मूल्यांकन खाते में 6.91 लाख करोड़ रुपये की राशि थी। इसमें आकस्मिक व्यय कोष रिजर्व बैंक की कुल परिसपत्ति का 6.41 प्रतिशत है तो मुद्रा एवं स्वर्ण पुनर्मूल्यांकन खाते की राशि 19.10 प्रतिशत बैठती है।  रिजर्व बैंक के पास कितना अधिशेष कोष होना चाहिये इससे पहले भी तीन समितियों ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी थी। वर्ष 1997 में वी. सुब्रमणियम समिति, वर्ष 2004 में उषा थोरट समिति और 2013 में वाई एच मालेगांम समिति ने इस मुद्दे पर गौर किया था।  
 

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