निर्यातकों ने कहा, आरबीआई के स्वत: सतर्कता सूची प्रणाली को बंद करने से मिलेगी बड़ी राहत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2020 12:38 PM

exporters said the closure of the automatic vigilance list of rbi

निर्यातकों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्यातकों को लेकर स्वत: सतर्कता सूची प्रणाली को बंद करने की घोषणा करने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस प्रणाली के जरिए निर्यात किए गए माल पर मिलने वाले भुगतान के बारे में जानकारी...

मुंबईः निर्यातकों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्यातकों को लेकर स्वत: सतर्कता सूची प्रणाली को बंद करने की घोषणा करने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस प्रणाली के जरिए निर्यात किए गए माल पर मिलने वाले भुगतान के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते उद्योग मुश्किल वक्त से गुजर रहा है और ऐसे में इस फैसले से निर्यातकों को मजबूती मिलेगी। 

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद से निर्यातकों की सतर्कता सूची प्रणाली उनके लिए एक जोखिम बन गई थी। उन्होंने कहा कि इससे निर्यातकों को अपने कारोबार में अधिक लचीलापन मिलेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद शुक्रवार को कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर निर्यातकों को निर्यात माल की वसूली में लचीलापन मुहैया कराने और विदेशी खरीदारों के साथ बेहतर शर्तों पर बातचीत के लिए उन्हें सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है।'' 

निर्यात डेटा प्रसंस्करण एवं निगरानी प्रणाली (ईडीपीएमएस) के तहत 2016 से निर्यातकों के सतर्कता सूची में शामिल करने और हटाने की शुरुआत की गई थी, ताकि यह पता चल सके कि निर्यात की गई वस्तुओं का भुगतान निर्यातक के खाते में आया है या नहीं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष एस के सराफ ने कहा कि यह निर्यात समुदाय की लंबे समय से लंबित मांग थी। सराफ ने कहा, ‘‘यह निर्यातकों के लिए बड़ा जोखिम बन गया था। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद निर्यातक खुद चलकर बैंकों में नहीं जा पा रहे थे ताकि वह बैंक में जाकर निर्यातित माल से हुई प्राप्ति के बारे में ईडीपीएमएस माड्यूल में जानकारी दर्ज करा सकें।'' 

अब जबकि रिजर्व बैंक ने इसे बंद रखने का फैसला किया है तो निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी। खासतौर से कई मामलों में जानकारी को अद्यतन नहीं किया गया है। इसके पीछे कई वजह हैं। एडी बैंक के स्तर पर यह जानकारी अद्यतन नहीं हो पाई है। निर्यात का भुगतान प्राप्त नहीं होने पर एडी बैंक उसकी जानकारी रिजर्व बैंक को आगे उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए देता है।

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