जुलाई में निर्यात 10.21 प्रतिशत गिरा, व्यापार घाटा कम होकर 4.83 अरब डॉलर

Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Aug, 2020 12:20 PM

exports fell 10 21 percent in july trade deficit narrowed to  4 83 billion

भारत के निर्यात में जुलाई माह में 10.21 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 23.64 अरब डॉलर पर आ गया। यह लगातार पांचवां महीना है, जब देश के निर्यात में गिरावट आयी है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। जुलाई में निर्यात में गिरावट आने की...

नई दिल्ली: भारत के निर्यात में जुलाई माह में 10.21 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 23.64 अरब डॉलर पर आ गया। यह लगातार पांचवां महीना है, जब देश के निर्यात में गिरावट आयी है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। जुलाई में निर्यात में गिरावट आने की मुख्य वजह पेट्रोलियम, चमड़ा तथा रत्व व आभूषण आदि के निर्यात का कम रहना है।

हालांकि पिछले कुछ महीनों से जारी बड़ी गिरावट को देखते हुए निर्यात में सुधार हुआ है। इससे पहले निर्यात में अप्रैल में 60.28 प्रतिशत, मई में 36.47 प्रतिशत और जून में 12.41 प्रतिशत की गिरावट रही थी। आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में आयात भी 28.4 प्रतिशत गिरकर 28.47 अरब डॉलर पर आ गया। इससे व्यापार घाटा कम होकर 4.83 अरब डॉलर रह गया, जो साल भर पहले के समान महीने में 13.43 अरब डॉलर रहा था। जून महीने में 18 साल से भी अधिक समय में पहली बार भारत को व्यापार घाटा नहीं हुआ था।

आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में कच्चा तेल आयात 31.97 प्रतिशत कम होकर 6.53 अरब डॉलर पर आ गया। हालांकि सोने का आयात इस दौरान 4.17 प्रतिशत बढ़कर 1.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जिन प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में जुलाई में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद में 51.54 प्रतिशत, रत्न और आभूषण में 49.61 प्रतिशत, चमड़ा में 26.96 प्रतिशत, मानव निर्मित धागे में 23.33 प्रतिशत, सभी कपड़ों के तैयार परिधान में 22 प्रतिशत और काजू में 21.25 प्रतिशत की गिरावट शामिल हैं।

इस दौरान जिन वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गयी, उनमें चावल, लौह अयस्क, तिलहन, तेल खली, मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद, दवाएं, कॉफी, इंजीनियरिंग सामान और प्लास्टिक शामिल हैं। जुलाई में मशीनरी, विद्युत और गैर-विद्युत, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक सामान के आयात में गिरावट आयी। अप्रैल से जुलाई तक की अवधि के दौरान निर्यात में 30.21 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह कुल मिला कर 74.96 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 46.7 प्रतिशत कम होकर 88.91 अरब डॉलर रहा। इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने के दौरान देश का व्यापार घाटा 13.95 अरब डॉलर रहा।

भारतीय तिलहन और उत्पादन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष खुशवंत जैन ने कहा कि तिलहन निर्यात में स्वस्थ उत्पादन और शिपमेंट को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के कारण वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि निर्यात में वृद्धि के कारण किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे और उन्हें कीमतों पर अपेक्षित बंपर फसल के प्रभाव की चिंता नहीं करनी चाहिए। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि जुलाई के आंकड़ों से निर्यात की गिरावट में निरंतर कमी का पता चलता है। इक्रा लिमिटेड की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि निर्यात में सुधार की यह प्रवृत्ति आने वाले महीनों में मजबूत होने की संभावना है, क्योंकि तेल और सोने के इतर जिंसों के आयात की मांग सामान्य होने लगी है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, भारत के सेवा क्षेत्र का निर्यात 8.39 प्रतिशत घटकर 17 अरब डॉलर रहा।



 

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