Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Apr, 2018 07:18 PM
कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद यूजर्स की प्राइवेसी को बरकरार रखने के फेसबुक ने यूरोप में अपने यूजर्स के लिए नई प्राइवेसी को पेश किया है। जो जनरल डाटा प्रोटेक्शन विनियमन (जी.डी.पी.आर.) का हिस्सा है और ये 25 मई से शुरू की जाएगी।
सैन फ्रांसिस्को: कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद यूजर्स की प्राइवेसी को बरकरार रखने के फेसबुक ने यूरोप में अपने यूजर्स के लिए नई प्राइवेसी को पेश किया है। जो जनरल डाटा प्रोटेक्शन विनियमन (जी.डी.पी.आर.) का हिस्सा है और ये 25 मई से शुरू की जाएगी।
नियामकों और सरकारी अधिकारियों, गोपनीयता विशेषज्ञों और डिजाइनरों से पूछताछ के अलावा, फेसबुक ने नई अपडेट को अंतिम रूप देने के लिए इंजीनियरिंग, कानूनी, नीति, डिजाइन और अनुसंधान टीमों में सैंकड़ों कर्मचारियों को इकट्ठा किया है। जब वैबसाइट और एप्प जैसे अपने पार्टनर से विज्ञापन आधारित डाटा का प्रश्न आएगा तो फेसबुक लोगों से कहेगा कि वह इस तरह के विज्ञापनों के बारे में पुनः विचार करें और इस बात का चयन करें कि विज्ञापन में हमारे पार्टनर द्दारा दिखाए गए आंकड़ों का इस्तेमाल करना ताहते हैं या नहीं।
ब्लॉग द्वारा साझा की जानकारी
अगर आपने अपने प्रोफ़ाइल पर राजनीतिक, धार्मिक और संबंधों की जानकारी साझा करने का चुनाव किया है, तो फेसबुक आपसे पूछेगा कि क्या शेयर की गई जानकारी जारी रखेंगे। फेसबुक के उपाध्यक्ष मुख्य गोपनीयता अधिकारी एरिन इगन ने यह जानकारी एक ब्लाग के द्वारा सांझी की।