फेसबुक ने कहा- प्लेटफार्म पूरी तरह पक्षपात-रहित, विवादित पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी

Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Aug, 2020 11:01 AM

facebook said platform will continue remove content completely non partisan

नफरत भरी सामग्रियों को हटाने में पक्षपात बरते जाने को लेकर जारी आरोपों और राजनीतिक वाद- विवाद के बीच फेसबुक ने शुक्रवार को कहा कि वह एक खुला, पारदर्शी और पक्षपात- रहित मंच है। वह उसके सामुदायिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले पोस्ट को हटाना लगातार...

नई दिल्ली: नफरत भरी सामग्रियों को हटाने में पक्षपात बरते जाने को लेकर जारी आरोपों और राजनीतिक वाद- विवाद के बीच फेसबुक ने शुक्रवार को कहा कि वह एक खुला, पारदर्शी और पक्षपात- रहित मंच है। वह उसके सामुदायिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले पोस्ट को हटाना लगातार जारी रखेगा। फेसबुक के भारत प्रमुख अजित मोहन की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब फेसबुक के ऊपर आरोप लग रहा है कि वह सत्ता में बैठी पार्टी के नेताओं के नफरत भरे पोस्ट नहीं हटाती है। सत्तापक्ष के साथ नरमी बरती जाती है और विवादित सामग्रियों को हटाने की नीति पर ठीक से अमल में नहीं किया जाता।

घृणा व कट्टरता की निंदा करते हैं- फेसबुक
अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में हाल में प्रकाशित एक खबर में आरोप लगाया गया कि फेसबुक की सामग्री संबंधी नीति भारत में सत्ताधारी पार्टी का पक्ष लेती है। उसके बाद से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा फेसबुक हमेशा से एक खुला, पारदर्शी और पक्षपात-रहित मंच रहा है, जहां लोग खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हमारे ऊपर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया गया है कि हम अपनी नीतियों को पक्षपातपूर्ण तरीके से लागू करते हैं। हम पूर्वाग्रह के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम किसी भी रूप में घृणा व कट्टरता की निंदा करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि फेसबुक के पास सामग्रियों को लेकर एक निष्पक्ष दृष्टिकोण है और वह अपने सामुदायिक मानकों पर दृढ़ता से अमल करती है। उन्होंने कहा कि इन मानकों में यह स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि क्या फेसबुक पर रह सकता है और क्या नहीं। उन्होंने कहा हम किसी की राजनीतिक स्थिति, पार्टी संबद्धता या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह किये बिना विश्व स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं। हमने भारत में लोक हस्तियों द्वारा पोस्ट की गयी उन सामग्रियों को हटाया है, जो हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करती हैं। हम आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे। इस बीच फेसबुक के निगरानी बोर्ड ने कहा कि लोकप्रिय हस्तियों के पोस्ट का आकलन करने वाले मानकों की जांच करना उसके दायरे में है।

लोकतंत्र के बहुलतावादी चरित्र को संरक्षित करता है फेसबुक
मोहन ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि भारत के प्रति फेसबुक की प्रतिबद्धता अटूट है और कंपनी का उद्देश्य भारत के लिये एक सहयोगी बनने का है। उन्होंने कहा कि फेसबुक का उद्देश्य एक ऐसा मंच बनना है जो लोगों और उद्यमियों के लिये स्वतंत्रता की पेशकश करके लोकतंत्र के बहुलतावादी चरित्र को संरक्षित करता और समाज को व्यापक क्षति से बचाते हुए नयी चीजों का निर्माण करता हो।उन्होंने कहा हमारे सामुदायिक मानक परिभाषित करते हैं कि हमारे मंच पर क्या रह सकता है और क्या नहीं, यह विश्व स्तर पर लागू किया जाता है। हम किसी की राजनीतिक स्थिति, पार्टी की संबद्धता या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह किए बिना विश्व स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने वाशिंगटन जर्नल की खबर के मद्देनजर सोशल मीडिया मंच के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर चर्चा करने के लिये फेसबुक को दो सितंबर को तलब किया है। मोहन ने यह भी कहा कि विशेष रूप से नफरत भरी भाषा को लेकर फेसबुक की नीतियों के बारे में कई सवाल उठाये गये हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसी भाषा और अन्य हानिकारक सामग्री को हटाने में कंपनी ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने प्रवर्तन के संबंध में नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कंपनी ने 2020 की दूसरी तिमाही में अभद्र भाषा वाली 225 लाख सामग्रियों को हटाया है। यह आंकड़ा 2017 की अंतिम तिमाही में महज 16 लाख सामग्रियों का था।

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