Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Sep, 2020 11:08 AM
भारत ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर ‘स्थिर’ वैश्विक खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित के लिए वह अपना पूरा समर्थन देगा। उसने कहा कि इसके लिए उसके पास अपनी कृषि निर्यात नीति है।
नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर ‘स्थिर’ वैश्विक खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित के लिए वह अपना पूरा समर्थन देगा। उसने कहा कि इसके लिए उसके पास अपनी कृषि निर्यात नीति है।
कोरोना वायरस संकट की वजह से दक्षिण एशिया में खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। ऐसे में भारत का यह आश्श्वासन अहम है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के 35वें एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान भारत ने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान भारत में लोगों की खाद्य सुरक्षा को कोई नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि सरकार ने महामारी के प्रकोप को कम से कम करने के लिए समय रहते कई कदम उठाए।
संयुक्तराष्ट्र संघ की इकाई एफएओ ने एक बयान में कहा कि मंगलवार से शुरू हुई इस चार दिन के वर्चुअल सम्मेलन में कोरोना वायरस के मद्देनजर क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा की मौजूदा हालत की समीक्षा की जाएगी। भूटान इस सम्मेलन का मेजबान देश है। कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अल्का भार्गव के हवाले से बयान में कहा गया है, ‘भारत सरकार ने महामारी के प्रकोप को कम करने के लिए उपुयक्त कदम उठाए। संयोग से इसे रबी की फसल का समर्थन भी मिला।’
उन्होंने कहा कि सरकार ने रबी की फसल के लिए लॉकडाउन के नियमों में राहत दी, जिसका परिणाम बंपर फसल के तौर पर सामने हैं। वहीं खरीफ की बुवाई के लिए किसानों को जरूरी वस्तुओं की समय से आपूर्ति के चलते पिछले साल की तुलना में फसल का रकबा 20 प्रतिशत बढ़ा है। भार्गव ने सरकार के कृषि क्षेत्र को लेकर तीन अध्यादेश लाने का भी जिक्र किया जिसने कृषि बाजार को मुक्त बनाया है। कृषि आयुक्त एस. के. मल्होत्रा ने सम्मेलन में शामिल देशों को भरोसा दिलाया कि अपनी कृषि निर्यात नीति के माध्यम से भारत स्थिर वैश्विक खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने में समर्थन करेगा।