फल-सब्जी से मालामाल हुए किसान

Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Aug, 2018 09:58 AM

farmers became rich by cultivating fruits and vegetables

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2022 तक देश में किसानों की आय दोगुनी करने के वायदे के बीच किसानों को वित्त वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान फलों और सब्जियों के उत्पादन पर बेहतर प्रतिफल या रिटर्न मिला है। इन 5 साल में फलों और सब्जियों का मूल्य बढ़ा है...

बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2022 तक देश में किसानों की आय दोगुनी करने के वायदे के बीच किसानों को वित्त वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान फलों और सब्जियों के उत्पादन पर बेहतर प्रतिफल या रिटर्न मिला है। इन 5 साल में फलों और सब्जियों का मूल्य बढ़ा है जिससे किसान मालामाल हो गए। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार इस दौरान मोटे अनाज के उत्पादन पर किसानों को अधिक लाभ नहीं मिल सका।

फल-सब्जी का उत्पादन मूल्य के आधार पर बढ़ा
फलों और सब्जियों का उत्पादन मूल्य के हिसाब से 2011-12 के 2.71 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2015-16 में 3.17 लाख करोड़ रुपए हो गया। ‘कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादन का मूल्य 2011-12 से 2015-16’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटे अनाज, तिलहन और रेशा समूहों का उत्पादन मूल्य इस दौरान मामूली रूप से घटा। स्थिर मूल्य पर 2011-12 में मोटे अनाजों का उत्पादन मूल्य के हिसाब से 3.36 लाख करोड़ रुपए था, जो 2015-16 में घटकर 3.25 लाख करोड़ रुपए रहा था। इन वर्षों में 2012-13 में मोटे अनाज से रिटर्न 3.31 लाख करोड़ रुपए, 2013-14 में 3.4 लाख करोड़ रुपए और 2014.15 में 3.26 लाख करोड़ रुपए रहा।

तिलहन का प्रतिफल घटा
तिलहन ओर रेशा श्रेणी में भी प्रतिफल घटा है। साथ ही उनकी हिस्सेदारी भी घटी। वित्त वर्ष 2015-16 में कृषि फसलों के कुल मूल्य में 27 प्रतिशत योगदान मोटे अनाज का और फलों तथा सब्जियों का योगदान 26 प्रतिशत रहा।
 

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