Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jun, 2019 05:33 PM
देश में आर्थिक और अन्य समस्याओं का सामना कर रहे अधिकांश किसान नई मोदी सरकार से अपनी फसल की उचित मूल्य मिलने की आस लगाए बैठें हैं। किसानों की अपेक्षा सरकार से अपने उत्पादों के बाजार में उचित मूल्य मिलने को लेकर है। कृषि लागत घटाने और सिंचाई संसाधन...
नई दिल्लीः देश में आर्थिक और अन्य समस्याओं का सामना कर रहे अधिकांश किसान नई मोदी सरकार से अपनी फसल की उचित मूल्य मिलने की आस लगाए बैठें हैं। किसानों की अपेक्षा सरकार से अपने उत्पादों के बाजार में उचित मूल्य मिलने को लेकर है। कृषि लागत घटाने और सिंचाई संसाधन बढ़ाने में उनकी कम दिलचस्पी है। किसान फसल ऋण व्यवस्था और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार चाहते हैं।
किसान नेटवर्क ऐप ने हाल ही में इस संबंध में एक सर्वेक्षण किया है जिसमें यह खुलासा हुआ है। इस सर्वेक्षण में कृषकों से पहली मोदी सरकार की योजनाओं और नई सरकार से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछा गया था। इस सर्वेक्षण में कुल मिलाकर 4300 कृषक शामिल हुए। इसमें भाग लेने वाले ज़्यादातर किसान पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्यों के हैं। इसमें शामिल किसानों में से 52.6 प्रतिशत अपनी फसल की उचित कीमत दिलाए जाने पर जोर दिया है जबकि 17.1 प्रतिशत किसानों ने सिंचाई संसाधनों में बढोतरी किए जाने की जरूरत बताई।
करीब 10 प्रतिशत किसानों ने फसलों के पैदावार बढ़ाने के लिए अच्छे बीज, खाद और कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। 8.7 प्रतिशत किसानों ने कृषि ऋण और फसल बीमा योजना में सुधार किए जाने की आवश्यकता बताई जबकि मात्र 8.2 प्रतिशत ने कृषि लागत में कमी लाने के उपाय किए जाने की वकालत की।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कृषि क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों के संबंध में पूछे जाने पर इसमें शामिल किसानों में से मात्र 20 फीसदी ने ही 10 में से 10 अंक दिए जबकि 30.6 प्रतिशत ने सरकार को 8 से 10 अंक दिए। इसमें से 26.7 प्रतिशत किसानों ने सरकार को 5 से 7 अंक दिए जबकि 36.22 प्रतिशत ने शून्य से चार अंक दिए। पिछली सरकार की योजनाओं को लेकर पूछे गए सवालों में से नीम कोटेड यूरिया को आवश्यक बनाए जाने का 42.3 प्रतिशत किसान ने समर्थन किया। हर वर्ष छह हजार रुपए दिए जाने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को 39.3 प्रतिशत कृषकों ने बेहतर बताया जबकि 35 प्रतिशत ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सराहना की। करीब 29 प्रतिशत किसानों ने कृषि सिंचाई योजना का पक्ष लिया तो 22.1 प्रतिशत ने ऑनलाइन मंडी ई-नाम को बेहतर बताया।