Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jul, 2019 10:50 AM
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) में सभी किसानों के लिए फसल बीमा स्वैच्छिक बनाने, ऊंचे प्रीमियम वाली फसलों को हटाने, राज्यों को प्रोडक्ट्स जोडऩे की छूट देने सहित कई ऐलान हो सकते हैं।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) में सभी किसानों के लिए फसल बीमा स्वैच्छिक बनाने, ऊंचे प्रीमियम वाली फसलों को हटाने, राज्यों को प्रोडक्ट्स जोडऩे की छूट देने सहित कई ऐलान हो सकते हैं।
दरअसल सरकार पी.एम.एफ.बी.वाई. में ऐसे ही कई बदलाव करने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने उक्त जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने राज्य स्तरीय कॉर्पस फंड बनाने और बचत को एक राष्ट्रीय स्तर के इन्श्योरैंस रिस्क पूल में शिफ्ट करने का प्रस्ताव किया, जिससे लोगों की धारणा तोड़ी जा सके कि बीमा कम्पनियां इस योजना से पैसा बना रही हैं।
तय होगी प्रीमियम की सीलिंग
अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर फसल का सिंचित क्षेत्र 50 प्रतिशत से ज्यादा है तो इसके लिए योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए 25 प्रतिशत प्रीमियम सीलिंग का भी सुझाव दिया है। साथ ही यदि फसल का सिंचित क्षेत्र 50 प्रतिशत से कम है तो प्रीमियम सीलिंग 30 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया गया है।
प्रीमियम की यह होगी दर
अप्रैल 2016 में लांच पी.एम.एफ.बी.वाई. में गैर-रोकथाम वाले प्राकृतिक जोखिम के लिए खरीफ फसलों को 2 प्रतिशत, रबी फसलों को 1.5 और औद्यागिकी व वाणिज्यिक फसलों को 5 प्रतिशत की दर पर बुआई पूर्व और बुआई बाद की अवधि के लिए व्यापक बीमा योजना उपलब्ध कराई जाती है।
राज्य सरकारों से मांगे विचार
अधिकारी ने बताया कि पी.एम.एफ.बी.वाई. को लागू हुए यह 7वां सीजन है। योजना के क्रियान्वयन के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं और मंत्रालय ने इन कमियों की पहचान की है तथा मंत्रालय ने कई बदलावों का प्रस्ताव किया है। साथ ही इस संबंध में राज्य सरकारों से विचार मांगे हैं।