Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 09:50 AM
सरकार ने किसानों को खरीफ फसलों के लिए भी लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) देने और इसके लिए नीति बनाने का ऐलान इस बार के बजट में किया है। सरकार इस काम को जल्द शुरू करने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्लीः सरकार ने किसानों को खरीफ फसलों के लिए भी लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) देने और इसके लिए नीति बनाने का ऐलान इस बार के बजट में किया है। सरकार इस काम को जल्द शुरू करने की तैयारी कर रही है।
कृषि मंत्रालय का कहना है कि जल्द ही केन्द्र सरकार और नीति आयोग इस मसले पर राज्यों से विचार-विमर्श शुरू कर देंगे। विचार इस बात पर भी होगा कि खरीफ की सभी फसलों के लिए लागत का डेढ़ गुना एम.एस.पी. दिया जाए या फिर कुछ चुनिंदा फसलों के लिए। सरकार पिछले साल नवम्बर में रबी फसलों के लिए लागत का डेढ़ गुना एम.एस.पी. देने का ऐलान कर चुकी है लेकिन किसान संगठनों और विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने लागत का आकलन ठीक तरह से नहीं किया है, जिस कारण एम.एस.पी. का निर्धारण किसानों की उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ है।
MSP दिलाना भी चुनौती
केन्द्र का कहना है कि सिर्फ एम.एस.पी. बढ़ा दिए जाने से ही बात नहीं बनेगी, किसानों को इसे दिलाना भी एक बड़ी चुनौती है। उत्पादन बढ़ने और मांग कम होने से फसलों के दाम गिर जाते हैं। ऐसे में सरकार किसानों को नुक्सान से बचाने और फसल का मूल्य दिलाने के लिए भी राज्यों से बातचीत करने की तैयारी कर रही है। वह मध्य प्रदेश की भावान्तर योजना को पूरे देश में लागू करना चाहती है, ताकि किसानों को एम.एस.पी. और बाजार रेट में अंतर होने पर नुक्सान न हो। केन्द्र राज्यों से बातचीत कर इस मद में पैसे का इंतजाम करने के लिए राज्यों से बात करेगा।