बेहतर मानसून से खेती ने पकड़ी रफ्तार, खरीफ फसलों का रकबा अब तक 104% बढ़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2020 03:27 PM

farming picks up due to better monsoon area of kharif crops

बेहतर मानसून के कारण चालू खरीफ सत्र में फसलों की बोआई में बढ़ोतरी हुई है। सभी प्रकार के खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 104 फीसदी बढ़ा है। तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले

नई दिल्लीः बेहतर मानसून के कारण चालू खरीफ सत्र में फसलों की बोआई में बढ़ोतरी हुई है। सभी प्रकार के खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 104 फीसदी बढ़ा है। तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 525 फीसदी बढ़ा। दलहन फसलों का रबका करीब 222 फीसदी बढ़ा। प्रमुख खरीफ फसल धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी बढ़ा है। खेती की भाषा में जितने बड़े क्षेत्र में फसल की बोआई या रोपाई होती है, उसे रकबा कहा जाता है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि फसल सत्र 2020-21 (जुलाई-जून) में 315.63 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोआई की गई है। इससे पिछले साल के मुकाबले यह 161.11 लाख हेक्टेयर या 104.25 फीसदी ज्यादा है।

इस साल अब तक धान की रोपाई 37.71 लाख हेक्टेयर में हुई है। यह पिछले साल के मुकाबले 9.35 लाख हेक्टेयर या करीब 35 फीसदी ज्यादा है। दलहन का रकबा 13.37 लाख हेक्टेयर या 221.72 फीसदी बढ़कर 18.48 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। तूअर दाल का रकबा पिछले साल के मुकाबले 8.04 लाख हेक्टेयर बढ़कर 9.97 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। उड़द दाल का रकबा बढ़कर 2.75 लाख हेक्टेयर पर और मूंग दाल का रकबा बढ़कर 5.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

इस बीच मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल के मुकाबले करीब 96 फीसदी बढ़कर 47.96 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। कोरोनावायरस महामारी के कारण पॉल्ट्र्री उद्योग के तबाह होने की वजह से इस साल किसानों को मक्के की अच्छी कीमत नहीं मिल पाई। इसके बावजूद मक्के की बोआई में उनकी रुचि नहीं घटी। मक्के का रकबा दोगुना होकर 31.27 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

सोयाबीन के रकबे में 2278.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है
तिलहन का रकबा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 69.99 लाख हेक्टेयर या 525 फीसदी बढ़कर 83.31 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। मूंगफली का रकबा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 8.63 लाख हेक्टेयर बढ़कर 18.45 लाख हेक्टेयर हो गया। इस बीच सोयाबीन का रकबा पिछले साल की समान अवधि के 2.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 63.26 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इस तरह से सोयोबीन के रकबे में 60.61 लाख हेक्टेयर या 2278.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

कॉटन का रकबा 164.73 फीसदी बढ़कर 71.69 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा
कॉटन का रकबा बढ़कर 71.69 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 44.61 लाख हेक्टेयर या 164.73 फीसदी ज्यादा है। गन्ने की रोपाई करीब 49.69 लाख हेक्टेयर में की गई है। पिछले साल की समान अवधि में 49.03 लाख हेक्टेयर में गन्ने की रोपाई की गई थी। जूट और मेस्टा की बोआई करीब 5.88 लाख हेक्टेयर में की गई है। पिछले साल की समान अवधि में यह बोआई 6.66 लाख हेक्टेयर में हुई थी।

पूरे देश में पहुंचा मानसून, पहले 25 दिनों में 21 फीसदी ज्यादा बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को कहा था कि मानसून पूरे देश में पहुंच चुका है और बारिश का वितरण भी अच्छा है। मानसून के 1 जून को केरल पहुंचने के बाद पहले 25 दिनों में पूरे देश में औसत से 21 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस दौरान पूरे देश में 155.2 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि लंबी अवधि का औसत 128.2 मिलीमीटर है।
 

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