Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2018 07:20 PM
दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करीब 5 गुना बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष में यह 6.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि 2015-16 में यह 1.3 अरब डॉलर था। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करीब 5 गुना बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष में यह 6.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि 2015-16 में यह 1.3 अरब डॉलर था। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सिन्हा ने कहा कि नई दूरसंचार नीति में क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
सिन्हा ने दूरसंचार क्षेत्र में विदेशी निवेश पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र में आगे आने वाली आधुनिकी प्रौद्योगिकियों के दोहन के लिए एफडीआई काफी महत्वपूर्ण है। पिछले 3 साल में एफडीआई 5 गुना हुआ है। यह 2015-16 में 1.3 अरब डॉलर था, जो 2017-18 में बढ़कर 6.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मंत्री ने कहा कि सरकार दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी 2020 तक 5 जी सेवाओं शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि यह नई उभरती प्रौद्योगिकियों मसलन मशीन टु मशीन कम्युनिकेशन, इंटरनेट आफ थिंग्स तथा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगी।
सिन्हा ने कहा कि भविष्य की सभी प्रौद्योगिकियों का ध्यान रखते हुए ही राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) 2018 को तैयार किया गया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि नई दूरसंचार नीति को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि पूर्व में यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का ‘पोस्टर’ था। एक बार यह क्षेत्र दबाव से निकलना शुरू होने के बाद फिर से यह दर्जा हासिल करेगा। सुंदरराजन ने कहा कि यदि सभी चीजें दुरुस्त रहीं तो हम इस क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का एफडीआई आर्किषत कर सकते हैं। इससे हम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दूरसंचार क्षेत्र की हिस्सेदारी को 6.35 प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर सकेंगे।