सरकार का बड़ा फैसलाः चीन से भारतीय कंपनियों की सुरक्षा के लिए सख्त किए FDI नियम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Apr, 2020 04:49 PM

fdi rules tightened to protect indian companies from china

कोरोना महामारी के इस संकट में भारतीय कंपनियों के जबरन अधिग्रहण के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश (FDI-Foreign Direct Investment ) के नियमों को सख्त कर दिया है।

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के इस संकट में भारतीय कंपनियों के जबरन अधिग्रहण के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश (FDI-Foreign Direct Investment ) के नियमों को सख्त कर दिया है। अगर आसान शब्दों में कहें तो कोरोना वायरस की वजह से कई बड़ी और छोटी कंपनियों की मार्केट वैल्यू गिर गई है। ऐसे में उनका अधिग्रहण यानी ओपन मार्केट से शेयर खरीद कर मैनेजमेंट कंट्रोल हासिल किया जा सकता है। इसीलिए सरकार ने नियम सख्त किए हैं। 

आपको बता दें कि हाल में चीन के सेंट्रल बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (HDFC) में 1.01 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है।

क्या है नया फैसला
नए संशोधन के अनुसार, पड़ोसी देशों से भारतीय कंपनियों में एफडीआई निवेश के लिए अब सरकारी अनुमति की आवश्यकता होगी। यह उन सभी देशों पर लागू होगा जो चीन के साथ- भारत के साथ भूमि सीमा साझा करते हैं। आपको बता दें कि इसी तरह के एफडीआई प्रतिबंध पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश पर लगाए गए थे।

DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) की ओर से जारी नोट के मुताबिक, सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों ( COVID-19 महामारी के कारण) में अवसरवादी अधिग्रहण (कंपनी को जबरन खरीदना) या भारतीय कंपनियों के अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए FDI पॉलिसी में बदलाव किया है।

अब क्या होगा
अब चीन समेत सभी पड़ोसी देशों को भारत में निवेश के लिए मंजूरी लेनी होगी। कंपनियों के मैनेजमेंट कंट्रोल पर असर पड़ने वाले विदेशी निवेश के लिए मंजूरी जरूरी है। अगर सरकार की ओर से तय कर दिया जाता है कि किसी सेक्टर में एफडीआई की सीमा कितनी होगी, तो विदेश की कोई कंपनी सीधे भारत की किसी कंपनी या किसी सेक्टर में पैसे लगा सकती है।
 
यूरोपीय देश भी उठा चुके हैं ये कदम
जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, इटली ने भी एफडीआई पर सख्ती करने का फैसला लिया है। कोरोना की वजह से अवसरवादी निवेश रोकने के लिए उठाया गया कदम कंपनियों के वैल्यूएशन में आई गिरावट का फायदा उठाने से रोकना ही असली मकसद है।

क्या होता है एफडीआई
एफडीआई का मतलब होता है फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट। अगर आसान शब्दों में कहें तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी विदेश की कोई कंपनी भारत की किसी कंपनी में सीधे पैसा लगा दे। जैसे वॉलमार्ट ने हाल ही में फ्लिपकार्ट में पैसा लगाया है तो ये एक सीधा विदेशी निवेश है। भारत में कई ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें विदेशी कंपनियां भारत में पैसा नहीं लगा सकती हैं।

 

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