Edited By Supreet Kaur,Updated: 02 Sep, 2019 04:29 PM
वाहन बाजार में सुस्ती का सिलसिला जारी है। अगस्त में वाहनों की बिक्री में 30 फीसदी की जोरदार गिरावट रही। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सोमवार को कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को रफ्तार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। सियाम ने सरकार से वा....
नई दिल्लीः वाहन बाजार में सुस्ती का सिलसिला जारी है। अगस्त में वाहनों की बिक्री में 30 फीसदी की जोरदार गिरावट रही। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सोमवार को कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को रफ्तार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। सियाम ने सरकार से वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती और पुराने वाहनों के लिए कबाड़ नीति लाने की मांग की है।
सियाम ने कहा कि वाणिज्यिक और दोपहिया वाहनों में भी गिरावट जारी है। इससे पता चलता है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिन उपायों की घोषणा की है बाजार ने अभी उन पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने बयान में कहा कि गिरावट के इस दौर के बीच उद्योगों ने अपने उपभोक्ताओं को काफी आकर्षक रियायतें दी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग की बड़ी छूट देने की क्षमता सीमित है। ऐसे में सरकार को वाहनों की लागत को कम करने के लिए जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 फीसदी करना चाहिए। इससे नए वाहनों के लिए मांग बढ़ेगी।''
उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग के सभी खंडों के लिए प्रोत्साहन आधारित कबाड़ नीति भी लाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने इसका वादा भी किया है। वढेरा ने कहा कि त्योहारी सीजन नजदीक है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इस पर फैसला तत्काल लिया जाए और इनकी घोषणा बिना विलंब के की जाए। इससे उद्योग के लिए त्योहारी सीजन बेहतर रहेगा। वढेरा ने कहा कि ऋण की उपलब्धता और इसकी लागत में कटौती के बारे में कई घोषणाएं की गई हैं लेकिन गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तक इनका फैलाव नहीं हो पाया है, जबकि यही क्षेत्र वाहनों के लिए विशेषरूप से कर्ज उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता धारणा भी कमजोर है।