Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jun, 2019 11:58 AM
इंडिया इंक पिछले कई साल से कॉर्पोरेट टैक्स में राहत की मांग कर रहा है लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार भी उसे राहत नहीं मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक फाइनैंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का फैसला नहीं करेंगी। अभी कॉर्पोरेट टैक्स 30...
नई दिल्लीः इंडिया इंक पिछले कई साल से कॉर्पोरेट टैक्स में राहत की मांग कर रहा है लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार भी उसे राहत नहीं मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक फाइनैंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का फैसला नहीं करेंगी। अभी कॉर्पोरेट टैक्स 30 प्रतिशत है जिसे घटाकर 25 प्रतिशत करने की मांग की जा रही है। दरअसल सरकार की नई योजनाओं पर खर्च बढ़ गया है, दूसरी तरफ सरकार की आमदनी घट रही है। यही वजह है कि इस बार बजट में टैक्स के मोर्चे पर कम से कम कम्पनियों को कोई राहत मिलने की उम्मीद कम है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ज्यादा टैक्स जुटाने के विकल्प तलाश रही है। वह नए टैक्स के जरिए या मौजूदा टैक्स से ज्यादा वसूली करके भरपाई करना चाहती है। सरकार ने किसानों और ट्रेडर्स के लिए पैंशन का वायदा किया है। इसके लिए ज्यादा फंड की जरूरत होगी। ऐसे में इस साल पूर्ण बजट में टैक्स के मोर्चे पर राहत की उम्मीद कम है।
सरकार की फंड की जरूरतों को पूरा करने के लिए फाइनैंस मिनिस्ट्री के अधिकारी ज्यादा टैक्स जुटाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। सूत्र के मुताबिक मुमकिन है कि सरकार शेयरों पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा सकती है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) ने कॉर्पोरेट कर की दर को घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है। उद्योग मंडल का कहना है कि कॉर्पोरेट कर की दर को घटाने के साथ सभी कर छूटों को समाप्त करने से सरकारी खजाने को राजस्व का किसी तरह का नुक्सान नहीं होगा।