Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Aug, 2024 01:20 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्स अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे टैक्सपेयर्स को भेजे जाने वाले नोटिस में सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करें और कानून द्वारा दी गई शक्तियों का विवेकपूर्ण ढंग से प्रयोग करें। 165वें इनकम...
बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्स अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे टैक्सपेयर्स को भेजे जाने वाले नोटिस में सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करें और कानून द्वारा दी गई शक्तियों का विवेकपूर्ण ढंग से प्रयोग करें। 165वें इनकम टैक्स डे के अवसर पर आयोजित समारोह में सीतारमण ने कहा कि फेसलेस एसेसमेंट सिस्टम लागू होने के बाद टैक्स अधिकारियों को टैक्सपेयर्स के साथ अधिक निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स नोटिस से टैक्सपेयर्स के मन में डर की भावना नहीं उत्पन्न होनी चाहिए और नोटिस को सरल और स्पष्ट होना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटिस में करदाता को यह एकदम स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसे किस कारण से नोटिस भेजा जा रहा है। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि आयकर रिफंड तेजी से जारी करने में सुधार की गुंजाइश है। सीतारमण ने करदाताओं के साथ व्यवहार में अनियमित तरीके अपनाने से बचने का टैक्स अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई मुद्दे के अनुपात में ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इनफोर्समेंट उपायों का उपयोग केवल अंतिम माध्यम के रूप में होना चाहिए और विभाग का लक्ष्य स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने का होना चाहिए।
सरल भाषा में नोटिस
इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि कर विभाग को अधिक मित्रवत और पारदर्शी होने की उनकी बात का मतलब यह नहीं है कि टैक्स अधिकारी का व्यवहार पहले अनुचित था। उन्होंने कहा, ‘क्या हम सरल और समझने में आसान नोटिस भेजने के बारे में सोच सकते हैं? आप कारण बताएं कि नोटिस में कार्रवाई क्यों की गई और नोटिस क्यों भेजा जा रहा है।’ वित्त मंत्री ने टैक्स डिपार्टमेंट के साथ अपना समर्थन जताते हुए कहा कि टैक्स अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन जारी रखना चाहिए।