वित्त मंत्रालय की सलाहः 74000 करोड़ देने से अच्छा है बंद कर दें BSNL और MTNL

Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Oct, 2019 11:02 AM

finance ministry advice stop bsnl and mtnl is better than giving 74000 crores

घाटे में चल रहीं सरकारी दूरसंचार कंपनी बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. के कर्मचारियों पर अब अनिवार्य रिटायरमेंट की तलवार लटक गई है। दरअसल सरकार इन दोनों कंपनियों को बेचने के पक्ष में है। बता दें कि डिपार्टमैंट ऑफ टैलीकम्यूनिकेशंस (डी.ओ.टी.) ने बी.ए...

नई दिल्लीः घाटे में चल रहीं सरकारी दूरसंचार कंपनी बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. के कर्मचारियों पर अब अनिवार्य रिटायरमेंट की तलवार लटक गई है। दरअसल सरकार इन दोनों कंपनियों को बेचने के पक्ष में है। बता दें कि डिपार्टमैंट ऑफ टैलीकम्यूनिकेशंस (डी.ओ.टी.) ने बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए 74,000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया था, जिस पर वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और दोनों पब्लिक सैक्टर अंडरटेकिंग (पी.एस.यू.) कंपनियों को बंद करने की सलाह दी है।
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सूत्रों के अनुसार दोनों पी.एस.यू. कंपनियों को बंद करने की स्थिति में 95,000 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। यह लागत बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. के 1.65 लाख कर्मचारियों को आकर्षक रिटायरमैंट प्लान देने के और कंपनी का कर्ज लौटाने की स्थिति में आनी है। हालांकि अब हो सकता है कि बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. के कर्मचारियों को आकर्षक रिटायरमैंट प्लान देने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

दोनों कंपनियों में 3 प्रकार के कर्मचारी 
बता दें कि दोनों सरकारी कंपनियों में कर्मचारी 3 प्रकार हैं। एक प्रकार के कर्मचारी वह हैं जो कंपनी द्वारा सीधे तौर पर नियुक्त किए गए हैं। दूसरे प्रकार के कर्मचारी वे हैं, जो दूसरी पी.एस.यू. कंपनियों से या विभागों से इसमें शामिल किए गए हैं। वहीं तीसरी तरह के कर्मचारी इंडियन टैलीकम्यूनिकेशंस सर्विस के अधिकारी हैं। अब यदि कंपनियों को बंद किया जाता है तो आई.टी.एस. अधिकारियों को अन्य सरकारी कंपनियों में तैनाती दी जा सकती है। वहीं जो कर्मचारी बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. द्वारा सीधे तौर पर नियुक्त किए गए हैं, वह जूनियर स्तर के हैं और उनकी तनख्वाह भी ज्यादा नहीं है और ये पूरे स्टाफ के सिर्फ 10 फीसदी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमैंट दे सकती है, जिसमें कुछ लागत जरूर आएगी।
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बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. को पुनर्जीवित करने के पीछे यह हैं तर्क
अनुमान है कि बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. के 1.65 लाख कर्मचारियों को वी.आर.एस. देने और रिटायरमैंट की आयु सीमा 60 से घटाकर 58 साल करने पर कंपनी के बिल की संख्या कम हो सकती है, जो वित्तीय वर्ष 2019 में कुल राजस्व की 77 फीसदी है। इसके बाद यदि बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. को सरकार 4जी स्पैक्ट्रम मुहैया कराती है तो दोनों कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं और वित्तीय वर्ष 2024 तक दोनों सरकारी कंपनियां लाभ की स्थिति में भी आ सकती हैं।
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