Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Mar, 2019 01:14 PM
हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस के लिए चयनित बोलीदाता कंपनी में सरकार और ओएनजीसी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए छह मार्च तक वित्तीय बोली जमा की जा सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस के लिए चयनित बोलीदाता कंपनी में सरकार और ओएनजीसी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए छह मार्च तक वित्तीय बोली जमा की जा सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसके अलावा, सौदे के लिए बनाए गए सलाहकार ने पवन हंस के लिए आरक्षित मूल्य भी तय कर दिया है, जिसे वह नागर विमानन मंत्रालय को सौंपेगा। इसके बाद मंत्रालय आरक्षित मूल्य को मूल्यांकन समिति के पास भेजेगा। इस समिति में वित्तीय सलाहकार, निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के संयुक्त सचिव, संबंधित मंत्रालय और सीपीएसई के सीएमडी शामिल हैं।
एक अधिकारी ने कहा, 'हमने छह मार्च तक वित्तीय बोलियां जमा करने के लिए कहा है। विनिवेश पर मुख्य समूह (सीजीडी) या वैकल्पिक तंत्र द्वारा आरक्षित मूल्य पर फैसले के बाद चयनित बोलीदाताओं की वित्तीय बोलियों को खोला जाएगा।' अधिकारी ने कहा कि पवन हंस की बिक्री प्रक्रिया मार्च में पूरी हो जानी चाहिए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई रणनीतिक विनिवेश पर वैकल्पिक तंत्र की बैठक में अंतिम शेयर खरीद समझौते (एसपीए) को मंजूरी दी गई थी और वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने के लिए कहा गया था। इस बैठक में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि पवन हंस में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी के पास है। पवन हंस के बेड़े में 46 हेलीकॉप्टर हैं। बोली प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखने के लिए बोली लगाने वालों की संख्या को सार्वजनिक नहीं किया गया है।