खरीदारी और निवेश करने का बेहतरीन समय होती है आर्थिक सुस्ती

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Sep, 2019 05:42 PM

financial downturn is the best time to shop and invest

इन दिनों हर सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है, आर्थिक सुस्ती को लेकर हर कोई चिंता कर रहा है। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की कोशिश निश्चित रूप से होनी चाहिए। आर्थिक सुस्ती या मंदी से कंपनियों, उत्पादकों या सेवा प्रदाताओं का लाभ घटता है या फिर उन्हें...

नई दिल्लीः इन दिनों हर सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है, आर्थिक सुस्ती को लेकर हर कोई चिंता कर रहा है। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की कोशिश निश्चित रूप से होनी चाहिए। आर्थिक सुस्ती या मंदी से कंपनियों, उत्पादकों या सेवा प्रदाताओं का लाभ घटता है या फिर उन्हें नुकसान होता है, पर उपभोक्ताओं तो फायदा ही फायदा है क्योंकि ऐसे समय में आप उन चीजों को सस्ते भाव पर खरीद सकते हैं, जिन्हें पहले खरीदने की आप हसरत रखते थे और आपके पास उसके लिए समुचित पैसा नहीं था।

PunjabKesari

फ्लैट व जमीन
रियल्टी सेक्टर में सुस्ती से फ्लैट व जमीन के भाव काफी गिर जाते हैं। ऐसे वक्त में आप घर या जमीन खरीदने का सपना साकार कर सकते हैं।

कार 
कार बाजार में सुस्ती के कारण कंपनियां छूट और आकर्षक ऑफर दे रही हैं। माना जा रहा है कि इस कारोबारी साल के अंत तक कारों पर भारी छूट मिल सकती है। इस बेहतरीन अवसर का लाभ उठाइए।

PunjabKesari

एफएमसीजी
हाल में कई कंपनियों ने साबुनों के भाव घटा दिए हैं। कुछ कंपनियों ने बिस्कुट की भी कीमत घटा दी है।

स्टील
फिच ने इस साल स्टील के भाव कम रहने का अनुमान दिया है क्योंकि स्टील उद्योग में सुस्ती का माहौल है। ऐसे में आप घर बनाने या स्टील से जुड़े अन्य काम कर लेने के अवसर का लाभ उठा सकते हैं।

PunjabKesari

शेयर
शेयर बाजार में जब सुस्ती आती है, तो अठन्नी के शेयर चबन्नी के रह जाते हैं। ऐसे समय में ढेर सारे अच्छे शेयर खरीद कर लंबे समय के लिए रख सकते हैं। जब बाजार में तेजी आएगी, तो ये शेयर फिर से महंगे हो जाएंगे। आप इन्हें ऊंचे भाव पर बेचकर मालामाल हो सकते हैं।

क्या होती है आर्थिक सुस्ती
आर्थिक सुस्ती उस माहौल को कहते हैं, जब आपूर्ति के मुकाबले मांग कम हो जाती है। यानी बाजार में बिकने के लिए सामान तो होते हैं, पर खरीदने वाले नहीं होते हैं या बहुत कम होते हैं। इसी की औपचारिक अवस्था है मंदी। ब्रिटेन में लगातार दो तिमाही जीडीपी में गिरावट को मंदी कहा जाता है। मांग घटने के कारण ऐसे वक्त में उत्पादों की कीमत काफी घट जाती है। कंपनियों को छूट, ऑफर और गिफ्ट देकर सामान बेचने पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में कंपनियों का लाभ घट जाता है। या फिर उन्हें घाटा होता है। इससे सरकार की टैक्स आय भी घट जाती है। इसलिए मंदी और सुस्ती को लेकर कंपनियां और सरकार काफी संवेदनशील होती हैं।

किन क्षेत्रों में है आर्थिक सुस्ती
कार, ट्रक, हल्के कॉकर्शियल वाहन, एल्यूमीनियम उत्पाद, वित्तीय निवेश, बिजली के उपकरण, रिल्टी, एफएमसीजी, साबुन, रिटेल, बिस्कुट, उर्वरक, धातु, स्टील और रिफायनरी जैसे कई सेक्टर इन दिनों सुस्ती की गिरफ्त में हैं। गत 10 महीने से कारों की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है। जुलाई में कारों की बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट रही। कोर सेक्टर यानी, प्रमुख आठ इन्फ्रास्ट्रक्चर सेकटर की विकास दर भारी गिरावट के साथ जुलाई में 2.1 फीसदी पर आ गई है। अगस्त के पीएमआई सर्वेक्षण नतीजे के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की उत्पादन विकास दर 15 महीने के निचले स्तर पर है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!