RBI के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से इस साल बाहर आ सकते हैं 3-4 बैंक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Feb, 2019 05:16 PM

finmin expects 3 4 more banks to come out of rbi s pca framework this year

वित्त मंत्रालय अगले छह से आठ महीनों में तीन से चार और बैंकों के कमजोर बैंकों की सूची से बाहर आने की उम्मीद कर रहा है। इसका कारण पूंजी डाले जाने के बाद बैंकों की वित्तीय सेहत में सुधार तथा फंसे कर्ज में कमी है।

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय अगले छह से आठ महीनों में तीन से चार और बैंकों के कमजोर बैंकों की सूची से बाहर आने की उम्मीद कर रहा है। इसका कारण पूंजी डाले जाने के बाद बैंकों की वित्तीय सेहत में सुधार तथा फंसे कर्ज में कमी है। सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में 48,239 करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने से कारपोरेशन बैंक तथा इलाहबाद बैंक को अगले कुछ सप्ताह में तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा से बाहर आने में मदद मिलेगा।

हाल में पूंजी डाले जाने से कारपोरेशन बैंकों को सर्वाधिक 9,086 करोड़ रुपए की पूंजी प्राप्त होगी। उसके बाद इलाहाबाद बैंक का स्थान है जिसे 6,896 करोड़ रुपए की पूंजी प्राप्त होगी। इस पूंजी से इन बैंकों को साझा इक्विटी पूंजी अनुपात 7.375, शेयर पूंजी अनुपात (टायर-1) 8.875 प्रतिशत, जोखिम भारांश संपत्ति के अनुपात में पूंजी 10.875 प्रतिशत तथा शुद्ध एनपीए अनुपात की 6 प्रतिशत से नीचे रखने जैसी नियामकीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। 

आरबीआई अगले कुछ सप्ताह में इन दोनों बैंकों को पीसीए निगरानी से अलग करने के बारे में निर्णय कर सकता है जैसा कि दिसंबर में पूंजी डाले जाने के बाद बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ महाराष्ट्र तथा ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स के मामले में पिछले महीने हुआ। तीन बैंकों को 31 जनवरी को सूची से हटाए जाने के बाद पीसीए दायरे में आने वाले बैंकों की संख्या 11 से कम होकर 8 पर आ गई है। सूत्रों ने कहा कि पुन: देना बैंक एक अप्रैल 2019 से सूची से हट जाएगा क्योंकि इस बैंक का विलय बैंक आफ बड़ौदा में हो रहा है।

आईडीबीआई बैंक की वित्तीय सेहत भी सुधर रही है और उसका शुद्ध फंसा कर्ज (एनपीए) भी कम हो रहा है। इससे यह भी पीसीए निगरानी से बाहर आ जाएगा। इस बैंक में अब एलआईसी की बहुलांश हिस्सेदारी है। अगर बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में निरंतर सुधार लाता है, ऐसी संभावना है कि आरबीआई सितंबर आंकड़े के बाद आईडीबीआई को इस सूची से बाहर कर देगा। इसके अलावा सेंट्रल बैंक तथा यूको बैंक भी अपनी स्थिति में सुधार लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस तरीके से चार और बैंकों से आरबीआई अगले 6 से आठ महीनों में पाबंदी हटा सकता है। 
 

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