कभी करोड़ों का कारोबार भाई को सौंपकर संत बन गए थे शिविंदर, अब दोनों भाइयों के खिलाफ FIR दर्ज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Mar, 2019 11:19 AM

fir against malvinder shivender for fraud

दिल्ली पुलिस ने रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर रहे मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने और विश्वासघात करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर रहे मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने और विश्वासघात करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। रेलिगेयर के एक सीनियर मैनेजर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बुधवार को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें सिंह ब्रदर्स के अलावा आरईएल के फॉर्मर सीएमडी सुनील गोधवानी और स्टॉक ब्रोकर एन. के. घोषाल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। 

रेलिगेयर के सीनियर मैनेजर ने शिकायत की है कि कंपनी और उसकी सब्सिडियरी रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) से धोखाधड़ी की गई और 'सैकड़ों करोड़ रुपए की हेराफेरी कई फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस के जरिए की गई।' 

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दोनों भाइयों ने आपराधिक साजिश रची
इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ब्रदर्स ने सह-आरोपियों से सांठगांठ कर '2016 में वित्तीय घोटाला किया।' इसमें आरोप लगाया गया है कि दोनों भाइयों ने 'सोच-विचार कर आपराधिक साजिश रची, जिसके जरिए बड़ा वित्तीय घपला किया गया।' शिकायतकर्ता ने इन प्रॉपर्टीज का पता लगाकर लौटाए जाने मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि सिंह ब्रदर्स फरवरी 2018 तक आरईएल के प्रमोटर थे और बतौर प्रमोटर 'आरएफएल के मैनेजमेंट पर उनका बहुत ज्यादा कंट्रोल था, क्योंकि सब्सिडियरी कंपनी थी।' 

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यह शिकायत एफआईआर में शामिल की गई है। इसमें कहा गया, 'आरईएल का यह मानना है कि सिंह ब्रदर्स और सुनील गोधवानी ने सांठगांठ कर आरईएल और आरएफएल सहित इसकी सब्सिडियरीज से पैसा इधर-उधर किया और कॉरपोरेट फ्रॉड को अंजाम दिया। आरएफएल का भी यही मानना है।' 

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सिंह ब्रदर्स ने गिरवी रखे थे शेयर
आरईएल और आरएफएल ने इस कथित फ्रॉड की जांच के लिए कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के पास एक अलग शिकायत दी है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि सिंह ब्रदर्स ने विभिन्न बैंकों के पास जो शेयर गिरवी रखे थे, उन्हें इस साल फरवरी में उन बैंकों ने जब्त कर लिया, लिहाजा सिंह ब्रदर्स का आरईएल और आरएफएल सहित इसकी सब्सिडियरीज पर कंट्रोल पूरी तरह खत्म हो चुका है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि इस बदलाव के चलते नया बोर्ड बनाया गया है, जिसमें ऐसे प्रफेशनल्स हैं, जिनका प्रमोटरों से कोई नाता नहीं है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि आरबीआई के आगाह करने पर भी सिंह ब्रदर्स ने सुधार का कदम जानबूझकर नहीं उठाया और 'फाइनैंशल स्कैम' करते रहे। 

कभी करोड़ों का कारोबार भाई के हवाले कर संत बन गए थे शिविंदर
बता दें कि किसी दौर में सिंह भाइयों की आपसी साझीदारी के किस्से फेमस थे। दोनों को एक दूसरे का हमसाया तक कहा जाता था। यही नहीं 2015 में शिविंदर सबकुछ अपने बड़े भाई मलविंदर के हाथों में सौंप कर राधा स्वामी सतसंग ब्यास में संत बन गए थे। यहां तक की उन्होंने फोर्टिस हेल्थकेयर के एग्जीक्यूटिव पद को भी छोड़ दिया था। ब्यास धार्मिक गतिविधि से जुड़ा संगठन है। उत्तर भारत में काफी संख्या में इसके अनुयायी हैं। ब्यास और सिंह भाइयों के पारिवारिक संबंध भी हैं।
 

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