दिल्ली-भोपाल के बीच चलेगी पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन, होंगे शानदार फीचर्स

Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 Sep, 2018 11:56 AM

first semihigh speed train to be run between delhi bhopal

शताब्दी को टक्कर देने के लिए भारत में बनने वाली पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन अगले कुछ महीनों में पटड़ी पर दौड़ने लगेगी। ‘ट्रेन 18’ नामक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। ट्रेन का ट्रायल अगले महीने से दिल्ली से भोपाल के बीच...

बिजनेस डेस्कः शताब्दी को टक्कर देने के लिए भारत में बनने वाली पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन अगले कुछ महीनों में पटड़ी पर दौड़ने लगेगी। ‘ट्रेन 18’ नामक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। ट्रेन का ट्रायल अगले महीने से दिल्ली से भोपाल के बीच किया जाएगा।

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मेक इन इंडिया होगी ट्रेन
ट्रेन को चेन्नई स्थित इंट्रीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है। ट्रेन का कोच मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। 80 फीसदी मैटेरियल भारतीय है वही मैटेरियल बाहर से मंगाया गया है जो अभी यहां उपलब्ध नहीं है। यही वजह है कि इसकी कीमत प्रति कोच 6 करोड़ आई है जबकि विदेशों में इसकी कीमत 14 करोड़ तक होती है।  यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन ट्रेनों में कई शानदार फीचर भी जोड़े गए हैं।

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दरवाजों में लगे हैं स्लाइडिंग स्टेप 
ट्रेन के दरवाजों में स्लाइडिंग स्टेप लगे हैं, जो पहली बार किसी ट्रेन में इस्तेमाल किए गए हैं। यह आटोमेटिक होंगे। इनके बंद होने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ेगी। इससे ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच गैप खत्म हो जाएगा। सवारी इसी में पैर रखकर ट्रेन में चढ़ सकेगी। यह स्लाइडिंग स्टेप ट्रेन के प्लेटफार्म पहुंचने के बाद और ऑटोमैटिक गेट खुलने से पहले 150 मिमी बाहर आएगा। इसी तरह गेट बंद होने के बाद अंदर की ओर चला जाएगा। अगर किसी स्टेशन में ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच में गैप कम है तो ये प्लेटफॉर्म से टकराकर 20 मिमी प्लेटफॉर्म से पीछे स्वत: ही चला जाएगा।

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पहले ही मिलेगी खराबी की सूचना 
ट्रेन पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड होगी। इस वजह से चलती ट्रेन में खराबी कहां आई, ड्राइवर को मल्टीपल स्क्रीन से सूचना मिल जाएगी। मसलन किस कोच में ब्रेक जाम हो रहे हैं, पता चलने पर ड्राइवर गाड़ी रोक देगा। इसी तरह ट्रेन में खराबी के बारे में पास के कंट्रोल रूप में सूचना स्वत: पहुंच जाएगी, कंट्रोल रूप करीब के स्टेशन को यह सूचना दे देगा, जिससे जल्दी मदद मिल जाएगी। इसी तरह किसी कोच में सवारी कम हैं तो वहां एसी का तापमान बढ़ जाएगा और जहां पर अधिक हैं, वहां कम हो जाएगा। इसके अलावा एसी का चैंबर ऐसा डिजाइन है, जिससे सीधे ठंडी हवा सीधे सवारी पर नहीं पड़ेगी। लेकिन पूरा कोच एक जैसा कूल रहेगा।

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