Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Aug, 2019 06:16 PM
उद्योग संघ फिक्की ने कहा कि देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2019) में छह फीसदी रहने का अनुमान है। एक साल पहले की समान तिमाही में देश की विकास दर 8.2 फीसदी रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अगले
नई दिल्लीः उद्योग संघ फिक्की ने कहा कि देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2019) में छह फीसदी रहने का अनुमान है। एक साल पहले की समान तिमाही में देश की विकास दर 8.2 फीसदी रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अगले सप्ताह पहली तिमाही की विकास दर के आंकड़े जारी कर सकता है।
पूरे साल की विकास दर 6.9% रहने का अनुमान
उद्योग संघ ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर का अनुमान 6.9 फीसदी रखा। संगठन ने कहा कि पूरे कारोबारी साल की विकास दर न्यूनतम 6.7 फीसदी और अधिकतम 7.2 फीसदी रह सकती है। उद्योग संघ का यह आंकड़ा माध्य आंकड़ा है, न कि औसत आंकड़ा है। विभिन्न आंकड़ों के समूह में से मध्य में स्थित आंकड़े को माध्य आंकड़ा कहते हैं।
RBI की मुख्य ब्याज दर में और हो सकती है कमी
फिक्की के सर्वेक्षण में शामिल अधिकतर अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति में नरमी के रुख को जारी रख सकता है। चालू वित्त वर्ष की शेष अविध में रेपो दर में और कटौती हो सकती है। उनका मानना है कि मौजूदा वास्तविक ब्याज दर अब भी अधिक है। उन्होंने साथ ही कहा कि बैंकों की जमा में धीमी गति से बढ़ोतरी हो रही है। इससे बैंक चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके कारण उनकी कर्ज देने की क्षमता प्रभावित हो रही है और इसके कारण इसके कारण रेपो दर में होने वाली कटौतियों का लाभ ग्राहकों को दे पाना मुश्किल हो रहा है।