पैसेंजर बढ़ाने के लिए शताब्दी में फ्लेक्सी फेयर 25% कम होगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Aug, 2018 12:37 PM

flexi fair will be 25 less in the centenary to increase passenger

शताब्दी एक्सप्रेस से सफर करने से लग्जरी फीलिंग का अहसास होता था लेकिन समय के साथ हालात बदल गए। न सफर लग्जरी रहा, न परोसे जाने वाले फूड का जायका सुधरा, ऊपर से फ्लेक्सी फेयर लगाकर शताब्दी का किराया और बढ़ा दिया।

चंडीगढ़ः शताब्दी एक्सप्रेस से सफर करने से लग्जरी फीलिंग का अहसास होता था लेकिन समय के साथ हालात बदल गए। न सफर लग्जरी रहा, न परोसे जाने वाले फूड का जायका सुधरा, ऊपर से फ्लेक्सी फेयर लगाकर शताब्दी का किराया और बढ़ा दिया। दिल्ली से चंडीगढ़ की दूरी मात्र 245 किलोमीटर है, पहले शताब्दी से दिल्ली जाने में 3.15 घंटे लगते थे, लेकिन दिल्ली आउट पर सब्जी मंडी से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच इस ट्रेन को 20 से 25 मिनट तक रोक कर रखा जाता है। दिल्ली पहुंचने में लगभग 4 घंटे लग जाते हैं। ऐसे शताब्दी एक्सप्रेस से यात्रियों के घटते मोह को देखते हुए रेलवे शताब्दी एक्सप्रेस के फ्लेक्सी फेयर में 25 फीसदी तक कटौती करने जा रहा है। हालांकि देश कुछ डेस्टिनेशन पर यह कटौती कर दी गई है लेकिन कालका-नई दिल्ली फ्लेक्सी फेयर में कटौती करने पर विचार चल रहा है। जीएम चौबे के मुताबिक अंतिम निर्णय रेलवे बोर्ड को लेना है। 

40 फीसदी तक बढ़ जाता है किराया
शताब्दी का बेस फेयर 615 रुपए है। स्लैब के मुताबिक फेयर में वृद्धि होती है, रेलवे की तरफ 40 फीसदी वृद्धि तय की गई थी यानी फेयर 960 के आसपास पहुंच जाता है। 

ऐसे समझिए 
 10 फीसदी बुकिंग पर 50 रुपए 
 20 फीसदी बुकिंग पर 100 रुपए 
 30 फीसदी बुकिंग पर 200 रुपए 
 40 फीसदी बुकिंग पर 350 रुपए 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेनों के बढ़ रहा है रश
नॉर्दर्न रेलवे के जीएम विश्वेश कुमार चौबे इसकी वजह यह बताते हैं कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेनों का रश बढ़ने की वजह से कई बार ट्रेनों को आउटर पर कुछ देर के लिए रोका जाता है। जब उन्हें बताया गया महीने में 20 दिन शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली आउटर पर खड़ी होने की वजह से लेट हो जाती है। इस पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली डीआरएम से कहेंगे कि वह कम से कम शताब्दी को लेट न होने दें। 

हाईवे बेहतर होने की वजह से भी रोड ट्रांसपोर्ट को लोग दे रहे हैं प्रेफरेंस
जीएम चौबे कहते हैं कि शताब्दी में ऑक्युपेंसी घटने की एक वजह यह भी है कि चंडीगढ़-नई दिल्ली के बीच जो हाईवे बना है, वह बहुत अच्छा है, जिससे लोगों को सड़क के रास्ते दिल्ली जाना ज्यादा कंफर्टेबल महसूस करने लगे हैं। एक वजह यह भी है। 

2015 तक थी 80% ऑक्युपेंसी
2015 तक दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी एक्सप्रेस की ऑक्युपेंसी 80 फीसदी के आसपास रहती थी। लोगों को वीकएंड पर तो कंफर्म सीट भी नहीं मिलती थी। यही वजह है कि 25 जनवरी 2013 में चंडीगढ़ से दिल्ली के बीच तीसरी शताब्दी चलाई गई थी। 2016 में फ्लेक्सी फेयर लागू होने के बाद शताब्दी का सफर महंगा हो गया। 

फ्लेक्सी फेयर न हो तो बढ़ जाएगी ऑक्युपेंसी 
पूर्व एसएस आरके दत्ता कहते हैं कि फ्लेक्सी फेयर से पहले शताब्दी में हमेशा वेटिंग रहती थी, लेकिन जब से फ्लेक्सी फेयर लागू हुआ है ऑक्युपेंसी पर असर पड़ा है। फ्लेक्सी फेयर तो हटा देना चाहिए। 

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