Edited By ,Updated: 18 Jul, 2016 11:31 AM
सीट से ज्यादा बुकिंग करने और इसके बाद बोर्डिंग से मना कर देने पर अब एयरलाइंस को 20,000 रुपए तक हर्जाना देना होगा।
नई दिल्लीः सीट से ज्यादा बुकिंग करने और इसके बाद बोर्डिंग से मना कर देने पर अब एयरलाइंस को 20,000 रुपए तक हर्जाना देना होगा। पहले यह सीमा 4000 रुपए थी। हालांकि उड़ान में देरी की स्थिति के लिए किसी तरह के हर्जाने का प्रावधान नहीं किया गया है।
नागर विमानन महानिदेशालय ने सिविल एविएशन रिक्वायरमैंट्स (सी.ए.आर.) में बदलाव किया है जो 1 अगस्त से लागू हो जाएगा। इसके अनुसार यदि एयरलाइंस बोर्डिंग से मना करने के बाद 1 घंटे के भीतर की दूसरी उड़ान में यात्री को सीट मुहैया करवा देती है तो उसे कोई हर्जाना नहीं देना होगा।
यदि तय समय से 1 घंटे के बाद लेकिन 24 घंटे से पहले की किसी उड़ान में वह सीट उपलब्ध करवाती है तो मूल किराया और ईंधन सरचार्ज का 200 प्रतिशत हर्जाना देना होगा। हालांकि यह राशि अधिकतम 10,000 रुपए होगी। यदि वैकल्पिक उड़ान 24 घंटे के बाद उपलब्ध करवाई जाती है तो उस स्थिति में हर्जाना मूल किराए और ईंधन सरचार्ज का 400 प्रतिशत होगा। यह हर्जाना राशि 20,000 रुपए से अधिक नहीं होगी।
खाना और ठहरने की भी करनी होगी व्यवस्था
यदि यात्री वैकल्पिक उड़ान में जाने की बजाय अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला करता है तो उस स्थिति में मूल किराया एवं ईंधन सरचार्ज के योग का 400 प्रतिशत (अधिकतम 20,000 रुपए) के जुर्माने के साथ टिकट की पूरी कीमत वापस करनी होगी। अपरिहार्य और विमान सेवा कम्पनी की क्षमता से परे कारणों से हुई देरी के लिए कोई जुर्माना नहीं देना होगा। उड़ान में देरी के लिए किसी तरह के हर्जाने की व्यवस्था नहीं है।
वहीं 2 से 24 घंटे तक की देरी की स्थिति में यात्रियों को खाना और रिफ्रैशमैंट देने की जिम्मेदारी एयरलाइंस की तय की गई है जबकि इससे अधिक की देरी में उनके ठहरने की व्यवस्था भी उसे करनी होगी। अपरिहार्य कारणों से हुई देरी की स्थिति में एयरलाइंसों को इससे भी छूट दी गई है।
उड़ान रद्द की सूचना देनी होगी 2 सप्ताह पहले
उड़ान रद्द होने की स्थिति में एयरलाइंस की जिम्मेदारी होगी कि वह कम से कम 2 सप्ताह पहले यात्री को इसकी सूचना दे। साथ ही वह यात्री की इच्छा अनुसार या तो उसे रिफंड दे या दूसरी उड़ान में बुकिंग दे। यदि विमान सेवा कम्पनी 2 सप्ताह पहले सूचना नहीं दे पाती है लेकिन कम से कम 24 घंटे पहले यात्री को इसके बारे में बता देती है तो उसे पहले की उड़ान के तय समय से 2 घंटे के भीतर जाने वाली फ्लाइट में सीट उपलब्ध करवानी होगी।
यदि किसी यात्री को इसके बारे में सूचना नहीं दी गई है तो 1 घंटे तक की उड़ान के लिए यात्री को एक तरफ का मूल किराया और ईंधन सरचार्ज का योग (अधिकतम 5000 रुपए) हर्जाने के रूप में मिलेगा। इसके साथ ही 1 से 2 घंटे की फ्लाइट के लिए अधिकतम हर्जाना 7500 रुपए तथा 2 घंटे से ज्यादा की फ्लाइट के लिए 10,000 रुपए होगा। यात्री द्वारा टिकट बुक करवाते समय पर्याप्त संपर्क सूचना नहीं मुहैया करवाए जाने की स्थिति में एयरलाइंस को हर्जाना नहीं देना होगा।