Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Apr, 2018 02:58 PM
भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट के कई प्रमुख शेयरहोल्डर अपना हिस्सा वॉलमार्ट को बेचने पर राजी हो गए हैं। घटनाक्रम की जानकारी रखने वालों ने बताया कि इनमें सबसे बड़ी शेयरहोल्डर सॉफ्टबैंक बेहतर प्राइस चाहती है
नई दिल्लीः भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट के कई प्रमुख शेयरहोल्डर अपना हिस्सा वॉलमार्ट को बेचने पर राजी हो गए हैं। घटनाक्रम की जानकारी रखने वालों ने बताया कि इनमें सबसे बड़ी शेयरहोल्डर सॉफ्टबैंक बेहतर प्राइस चाहती है और स्टेक बेचने को राजी नहीं है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। फ्लिपकार्ट ने भी इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है।
हिस्सा खरीदने की रजामंदी
सूत्रों के मुताबिक, वॉलमार्ट ने न्यूयॉर्क की इन्वेस्टमेंट फर्म टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, साउथ अफ्रीकी मीडिया कंपनी नैस्पर्स, वेंचर कैपिटल फर्म एक्सेल और चीन की टेनसेंट होल्डिंग्स की हिस्सेदारी खरीदने पर रजामंदी दी है। उन्होंने बताया कि फ्लिपकार्ट के फाउंडर्स सचिन बंसल और बिन्नी बंसल भी कंपनी में अपने स्टेक का कुछ हिस्सा बेचने पर राजी हो गए हैं। इन 6 शेयरहोल्डर्स के पास फ्लिपकार्ट में 55 फीसदी से ज्यादा हिस्सा है। सूत्रों ने बताया कि इसकी सबसे बड़े शेयरहोल्डर सॉफ्टबैंक के पास 20 फीसदी हिस्सा है और वह शेयरों की सेकंडरी सेल के जरिए करीब 15-17 अरब डॉलर मांग रहा है।
सॉफ्टबैंक का सबसे बड़ा निवेश
सॉफ्टबैंक ने साल 2017 में 100 अरब डॉलर के विजन फंड के जरिए फ्लिपकार्ट में 2.5 अरब डॉलर निवेश किए थे। वह भारत के कन्ज्यूमर इंटरनेट सेक्टर में सबसे बड़ा प्राइवेट इन्वेस्टमेंट था। सॉफ्टबैंक ने अब तक वॉलमार्ट के रुख पर ठंडी प्रतिक्रिया दी है। एक व्यक्ति ने बताया, 'सॉफ्टबैंक के साथ बातचीत चल रही है। दूसरे अधिकतर शेयरहोल्डर राजी हो गए हैं। ऐसी डील में उतार-चढ़ाव तो होते ही हैं। हालांकि समय पर डील पूरी करने पर भी ध्यान देना होगा।'
सूत्रों ने बताया कि इस ट्रांजैक्शन के अंतिम ब्योरे अभी तय नहीं हुए हैं। इनमें आखिरी वक्त में बदलाव हो सकता है। यह साफ नहीं है कि वॉलमार्ट के बाकी शेयरहोल्डर्स के साथ डील कर लेने के बाद भी जापान की स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर सॉफ्टबैंक बातचीत जारी रखेगी या नहीं, खासतौर से यह देखते हुए कि एक्सक्लूसिव बातचीत का समय कुछ सप्ताह पहले खत्म हो गया था। जिन शेयरहोल्डर्स के साथ वॉलमार्ट ने अग्रीमेंट किया है, उनका हिस्सा खरीदने पर उसके पास करीब 50 फीसदी ओनरशिप हो जाएगी।